Car Driving with Foot: ये सच है कि, अगर आप कुछ करने की ठान लें, तो ऐसा कुछ नहीं जिसे आप हासिल न कर पाएं. ऐसे कई एग्जाम्पल समय समय पर देखने को मिलते रहतें हैं. हाल ही में ऐसा ही एक उदाहरण केरल में देखने को मिल, जहां बिना हाथों के जन्म लेने वाली एक लड़की ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कभी हार नहीं मानी और आखिरकार, कार चलाने के लिए जरुरी वैध डॉक्यूमेंट ड्राइविंग लाइसेंस पाने में सफलता प्राप्त कर ही ली.
केरल राज्य की निवासी जिलुमोल मैरिएट का जन्म हुआ, तो उनके हाथ नहीं थे. इसलिए उनकी जिंदगी का सफर शुरू से ही जिंदगी के साथ संघर्ष भरा रहा. लेकिन एक आम इंसान की तरह उनका भी एक सपना था और वो था कार ड्राइविंग का. वो भी वैध डॉक्यूमेंट यानि ड्राइविंग लाइसेंस के साथ. जो हाल ही में उस वक्त पूरा हो गया, जब एक कार्क्रम के दौरान उन्हें केरल के मुख्यमंत्री के हाथों उनका ड्राइविंग लाइसेंस सौंपा गया. अब वो कानूनी तौर पर कार चलाने के लिए वैध हैं.
एशिया की ऐसी पहली महिला हैं मैरिएट
जानकारी के मुताबिक, हाथों के बिना कार चलाने वाली वो एशिया की ऐसी पहली महिला बन गयीं हैं, जिन्हें ड्राइविंग लाइसेंस दिया गया है. अब उन्हें कानूनी तौर पर कार चलाने की अनुमति है. जिसके लिए वे कुछ समय से प्रयास भी कर रहीं थीं.
स्टार्टअप ने की मदद
मैरिएट के इस सपने को पूरा करने में कोच्चि के एक स्टार्टअप का काफी सहयोग रहा. जिसने मैरिएट के लिए कार में कुछ खास बदलाव किये. इंडीकेटर्स, वाइपर, हेडलैंप जैसे फीचर्स के लिए वॉइस कमांड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया, ताकि वो फीचर्स जिनमें हाथों के इस्तेमाल की जरुरत पड़ती है. उन्हें वॉइस कमांड के जरिये ऑपरेट किया जा सके.
स्टीयरिंग पर होते हैं पैर
जाहिर है कि, मैरिएट कार चलाने के लिए स्टीयरिंग को संभालना बेहद जरूरी है. इसके बिना कार नहीं चलाई जा सकती. इसलिए मैरिएट ने कड़ी मेहनत कर स्टीयरिंग का काम पैरों से करना सीख लिया और कार की स्टीयरिंग को अपने कदमों के नीचे झुका दिया और बन गयीं एक परफेक्ट ड्राइवर. इसके अलावा रोज मर्रा के काम के लिए भी वो पैरों का इस्तेमाल करती है.
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