सड़क परिवहन मंत्रालय अगले दो हफ्तों में स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा करेगा. नई पॉलिसी के आने के बाद वाहन चालकों को पुरानी गाड़ी रखना महंगा साबित हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक 15 साल से अधिक पुराने कॉमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट फीस मौजूदा 200 रुपये से बढ़कर टैक्सी के लिए 7,500 रुपये और ट्रकों के लिए लगभग 12,500 रुपये हो जाएगी.


हर साल रिन्यू कराना होगा सर्टिफिकेट
मोटर व्हीकल लॉ के अनुसार आठ साल से अधिक पुराना हो जाने के बाद गाड़ी का एनुअल फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू करवाना अनिवार्य है. हर साल इतने अधिक शुल्क का भुगतान करने से लोग अपने पुराने वाहनों को रखना बंद कर देंगे.


बढ़ेगी रजिस्ट्रेशन फीस
15 साल से अधिक निजी वाहनों के मामले में रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये से 1,000 रुपये तक टू-व्हीलर्स के लिए ली जाएगी. वहीं कारों के लिए यह 600 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये होगी. राज्य ऐसे वाहनों पर पांच साल के लिए ग्रीन टैक्स लगा सकते हैं, जो रोड टैक्स के अलावा होंगे. सभी निजी वाहनों को पंजीकरण 15 साल बाद और उसके बाद हर पांच साल में रिन्यू करना होगा.


देना होगा ग्रीन टैक्स
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. दरअसल ट्रांसपोर्ट से जुड़े आठ साल से पुराने सभी वाहनों को अब ग्रीन टैक्स देना पड़ेगा. यह टैक्स रोड टैक्स का 10-25 प्रतिशत का अनुमान लगाया जा रहा है.


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