Automatic Transmission vs Manual Transmission: कार निर्माता कंपनियां समय और डिमांड के मुताबिक अपनी कारों में एक से बेहतर एक लेटेस्ट फीचर दे रहीं हैं. ऑटोमेटिक फीचर भी ऐसा ही एक फीचर है, जिसकी डिमांड लगातार बढ़ती ही जा रही है. अगर आप भी ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के साथ एक कार खरीदना चाहते हैं, तो आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में जान लेना जरूरी है.
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन कारों के फायदे
अगर आपके पास ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार मौजूद है, तो आपको ड्राइविंग के समय गियर बदलने की जरुरत नहीं पड़ती. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन खुद ही कार की स्पीड और इंजन की जरुरत के मुताबिक गियर शिफ्ट कर देता है. जिससे इंजन भी बेहतर तरीके से रिस्पांस करता है और आप बेहतर ड्राइविंग का अनुभव ले पाते हैं.
वहीं ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन को मेनुअल से सेफ माना जाता है. अगर आपके पास मेनुअल ट्रांसमिशन कार है, तब आपको स्टीयरिंग से हाथ हटाना पड़ेगा और क्लच दबाने के लिए पैर का सहारा लेना पड़ेगा, जिसकी वजह से आपका ध्यान बंट जाता है. जबकि ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार में गियर अपने-आप शिफ्ट हो जाता है. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन कार ऐसे लोगों के लिए और भी बेहतर है, जिन्हें कार चलनी नहीं आती और वे सीखना चाहते हैं. इसमें उन्हें गियर डालने के झंझट से मुक्ति मिल जाती है.
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन कारों के नुकसान
कार में मौजूद ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन मेनुअल कार के मुकाबले शिफ्ट होने में समय लेता है, साथ ही गियर शिफ्ट होते समय भी साफ-साफ महसूस भी होता है. वहीं ऑटोमेटिक कारें मेनुअल कार के मुकाबले महंगी भी होती हैं. इसके अलावा ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों का मेंटेनेंस मेनुअल कारों के मुकाबले ज्यादा होता है. हालांकि माइलेज के मामले में दोनों ट्रांसमिशन की कारें सामान्य होती हैं.
ऑटोमेटिक कारों में कभी-कभी आपको गैर जरूरी आवाज आने लगती, कभी-कभी फ्लूइड लीकेज भी देखने को मिल सकता है, कभी-कभी जलने जैसे स्मैल आने लगती है. जोकि इस बात का इशारा करते हैं कि अब इसके मेंटेनेंस का समय आ गया है.
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