Car Recall Reason: हाल ही में मारुति ने अपनी बलेनो आरएस के 7,000 से ज्यादा गाड़ियों के लिए रिकॉल जारी किया था. हालांकि ये कोई नयी बात नहीं है और तमाम कंपनियों को समय समय पर जरुरत पड़ने पर ऐसा करते हुए देखा जाता है. आगे हम इसी के बारे में डिटेल में बताने जा रहे हैं, कि रिकॉल क्या होता है, क्यों होता है और क्या कंपनियों के लिए ऐसा करना जरूरी है?


रिकॉल क्या होता है?


रिकॉल यानि वापस बुलाना और ऐसा ऑटोमोबाइल कंपनियां तब करती हैं, जब उनकी गाड़ियों में एक जैसी ही प्रॉब्लम देखने को मिलती है. ताकि इसकी वजह से गाड़ी मालिक या किसी और को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.


2019 में मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया शामिल


अगस्त 2019 में लागू किये गए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में ऑटोमोटिव रिकॉल संबंधी चीजों पर खास ध्यान दिया गया. किसी भी वाहन निर्माता कंपनी के द्वारा बनाई गयी गाड़ियों में अगर किसी तरफ की कमी देखने को मिलती है, तो उसके लिए मोटर वाहनों को वापस बुलाने के लिए कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए मुख्य अधिनियम में धारा 110ए को शामिल किया गया. जिसके अनुसार, केंद्र सरकार एक आदेश के जरिये एक OEM उसके द्वारा बनाई गयी गाड़ियों में कमी पायी जाने पर रिकॉल के लिए आदेश दे सकती है.


हाल ही में रिकॉल हुईं ये गाड़ियां


हाल ही में देश की दिग्गज कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी पॉपुलर हैचबैक बलेनो आरएस के 7,000 से ज्यादा यूनिट्स के लिए हाल ही में रिकॉल जारी किया था. जबकि इससे पहले कंपनी अपनी अर्टिगा और एक्स-एल6 के लिए भी रिकॉल जारी कर चुकी है. जिसकी वजह इन गाड़ियों में पायी गयी तकनीकी गड़बड़ी थी.


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