Types of Cars According to The Design: इस समय भारत का कार बाजार एक से बढ़कर एक कार के ऑप्शन के साथ भरा पड़ा है. जिसमें अलग-अलग साइज, स्टाइल और डिजाइन के मॉडल मौजूद हैं. इसके साथ-साथ ऑटोमोबाइल कंपनियां लगातार इस पर काम कर रही हैं, ताकि आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी की जा सके. लेकिन कई बार लोग कारों में अंतर करने में कंफ्यूज हो जाते हैं, जिसे हम आगे दूर करने जा रहे हैं.
हैचबैक
ये एक छोटे साइज की कार होती है, जिसके बैक साइड में भी ऊपर की तरफ खुलने वाला एक दरवाजा होता है. ताकि आप इसे ओपन कर डिग्गी में सामान रख सकें. इसके अलावा इसमें चार दरवाजे और होते हैं. हालंकि बाजार में दो दरवाजे वाली हैचबैक भी मौजूद हैं. मारुति सुजुकी ऑल्टो, हुंडई आई10, टाटा टियागो, मारुति स्विफ्ट, बलेनो और वैगन आर जैसी गाड़ियां हैचबैक कहलाती हैं.
सेडान/सलून/नौचबैक
इन गाड़ियों की पहचान आप आसानी से कर सकते हैं, जोकि इसकी बनावट के साथ-साथ बूट स्पेस (डिग्गी) से की जा सकती है. जोकि हैचबैक की तरह अंदर से खुला न होकर, सेपरेट होता है और इसका यूज केवल बाहर की तरफ से ही किया जा सकता है. जबकि नौचबैक में बूट स्पेस हैचबैक की तरह छोटा होता है. सेडान गाड़ियां तीन हिस्सों में बंटी होती है- इंजन, केबिन और बूट स्पेस. सेडान शब्द अमेरिकी अंग्रेजी का शब्द है, जबकि ब्रिटिश में इसे सलून कहा जाता है. होंडा सिटी, मारुति सियाज, स्कोडा रेपिड, स्कोडा ऑक्टाविया, टोयोटा कोरोला इसके कुछ एग्जाम्पल हैं.
कॉम्पैक्ट सेडान
ये गाड़ियां सेडान गाड़ियों का ही कुछ छोटा रूप होती हैं, यानि इनका साइज 4 मीटर से कम होता है. बाकि सबकुछ एक सेडान के जैसा ही होता है. साइज को कम करने की वजह इस पर लगने वाले टैक्स में बचत करना है, जिससे कंपनी ज्यादा मुनाफा कमा सकें. भारत में कॉम्पैक्ट सेडान की संख्या काफी ज्यादा है. जैसे मारुति सुजुकी डिजायर, होंडा अमेज, टाटा टिगोर और हुंडई एक्सेंट.
कूपे
ये दो दरवाजे वाली कार होती है. जिसकी छत ढलाननुमा होती है. इन कारों में दमदार इंजन के साथ, दो फीचर्ड सीट्स, किसी-किसी में पीछे दो छोटी सीट होती हैं. हालांकि अब कूपे को स्पोर्टी लुक के साथ 4 दरवाजे के साथ भी पेश किया जा रहा है. इनके खरीदार गिने चुने लोग होते हैं. इन गाड़ियों में फोर्ड मस्टंग, ऑडी आर8 और मर्सिडीज बेंज जीएलए शामिल हैं.
माइक्रो कार
इसके नाम से ही इसके बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. ये हैचबैक से भी कम साइज की भारत जैसे देशों की सडकों के लिए प्रैक्टिकल और काफी किफायती होती हैं. हालांकि लग्जरी कंपनियां भी माइक्रो कार बनाती हैं, जिनमें दिए गए दमदार इंजन की बदौलत इन्हें सुपर कार कहा जाता है. ये काफी महंगी होती हैं. टाटा नैनो एक माइक्रो कार है.
CUV/क्रॉसओवर/क्रॉसओवर हैचबैक
आसान भाषा में ये गाड़ियां एसयूवी और हैचबैक का कॉम्बिनेशन होती हैं. ये हल्की ऑफ रोड के अच्छी होती हैं. लेकिन एक एसयूवी के जरुरी फैक्टर्स काफी दूर होती है. जैसे टाटा टियागो एनआरजी, वॉल्वो वी40 क्रॉस कंट्री, फोर्ड फ्रीस्टाइल, हुंडई आई20 एक्टिव, फॉक्सवैगन पोलो एडवेंचर.
एमपीवी (MPV)
मल्टी पर्पज व्हीकल यानि एमपीवी, जो अपने ज्यादा स्पेस के चलते ज्यादा पैसेंजर को बिठाने में सक्षम होते हैं. ये गाड़ियां दिखने में ज्यादातर एक वैन के आकर की होती हैं. जैसे मारुति सुजुकी अर्टिगा, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा, रेनॉ ट्राइबर, महिंद्रा मरजो, मारुति सुजुकी एक्सएल6, मारुति सुजुकी इको आदि.
एसयूवी (Sport Utility Vehicle)
एसयूवी पैसेंजर और ऑफ-रोड गाड़ियों का कॉम्बिनेशन है. जिनमें ऑफ रोड पर फर्राटा भरने की क्षमता होती है. क्योंकि ये बड़े साइज के पहियों के साथ साइज में भी बड़ी होती हैं. हालांकि इस समय शहरों में भी इनका जबरदस्त यूज देखने को मिल रहा है. इन गाड़ियों में टोयोटा फॉर्च्यूनर, फोर्ड इंडीवर, जीप कंपास, रेंज रोवर, एमजी हैक्टर, महिंद्रा अल्टुरस, टाटा सफारी बीएमडब्ल्यू एक्स5 और मर्सिडीज बेंज जीएलसी जैसी गाड़ियां शामिल हैं.
कॉम्पैक्ट एसयूवी
एसयूवी में भी कई प्रकार होते हैं, लेकिन हर जगह कॉम्पैक्ट एसयूवी की डिमांड काफी ज्यादा देखने को मिल रही है. कॉम्पैक्ट एसयूवी एसयूवी का छोटा साइज होता है, जो 4 से भी कम होता है, लेकिन डिजाइन और काम हूबहू एसयूवी की तरह ही होती है. मारुति सुजुकी ब्रेजा, टाटा नेक्सॉन, महिंद्रा एक्सयूवी300 और फोर्ड इकोस्पोर्ट्स देश में सबसे ज्यादा डिमांड वाली एसयूवी हैं.
कनवर्टिबल/स्पाईडर/काब्रियलेट
ओपन-टॉप गाड़ियों को कन्वर्टिबल कहा जाता है, जोकि सॉफ्ट और हार्ड दोनों तरह के टॉप के साथ आती है. कैब्रियॅलेट या रोडस्टर या स्पाईडर भी इन्हीं का नाम है. ऐसी गाड़ियों में फेरारी कैलिफ़ोर्निया टी, ऑडी ए3 कैब्रियॅलेट, मर्सिडीज एएमजी एसएलसी 43, रेंज रोवर इवोक कन्वर्टिबल, फेरारी 488 स्पाइडर और मिनी कूपर कनवर्टिबल जैसी गाड़ियां हैं.
हाइब्रिड कारें
ये वो गाड़ियां होती हैं, जिनमें पेट्रोल या डीजल इंजन के साथ-साथ लेटेस्ट इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग भी किया जाता है. जिसके चलते पेट्रोल डीजल की खपत कम हो जाती है और माइलेज में बढ़ोतरी हो जाती है. साथ ही जरुरत पड़ने पर इन गाड़ियों को केवल पेट्रोल और डीजल पर भी चलाया जा सकता है. पर्यवरण के लिहाज से भी इन्हें अच्छा माना जाता है. इन गाड़ियों में टोयोटा ग्लैजा, टोयोटा कैमरी, होंडा अकॉर्ड लेक्सस आरएस, वॉल्वो एक्ससी90 जैसी गाड़ियां आती हैं.
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