Hatchback vs Sedan Car: हैचबैक या सेडान कौन सी कार लेना आपके लिए रहेगा बेहतर, यहां आसान भाषा में समझें
अगर आप नई कार लेना चाहते हैं और कंफ्यूज हैं कि सेडान कार खरीदें या फिर हैचबैक? तो इसके पहले इन दोनों के बीच का अंतर समझ लीजिए, फिर आसानी से कार का चुनाव कर पायेंगे, पढ़ें पूरी खबर-

Hatchback Car: अगर आप एक नयी कर लेने के लिए प्लान बना रहे हैं. लेकिन, हैचबैक और सेडान को लेकर कंफ्यूज हैं. तो हम इसमें आपकी मदद के लिए दोनों कारों में अंतर बताने जा रहे हैं. ताकि आप अपने लिए एक बेहतर विकल्प चुन पायें.
हैचबैक कार
छोटे साइज की कारों (आल्टो, वैगन आर, सेंट्रो) को हैचबैक कार कहते हैं. इन कारों में पीछे की तरफ बड़े दरवाजे के साथ, एक बड़ा सा बूट स्पेस होता है. जिसमें काफी सामान रखा जा सकता है. इन कारों में आप चलती कार में बूट स्पेस में रखा समान अंदर से भी निकाला जा सकते है. वहीं, कुछ हैचबैक कारों में पीछे की सीटों को मोड़ने की सुविधा भी दी जाती है. जिससे इसे और अधिक बड़ा किया जा सकता है. ये कारें छोटी होने की वजह से आसानी से कही भी पार्क की जा सकती हैं.
सेडन कार
ये कारें हैचबैक कारों की तुलना में साइज में बड़ी होती हैं. इसलिये, इनके बूट स्पेस भी काफी बड़े होते हैं. लेकिन, इनमें बूट स्पेस हैचबैक की तरह अंदर से जुड़ा ना होकर, सेपरेट होता है. जिससे चलती कार में इसके बूट स्पेस से कुछ भी सामान नहीं निकाल सकते. इसके लिए कार को रोकने की जरूरत पड़ती है. वहीं, इनको पार्क करने के लिए अधिक जगह की जरूरत होती है. ये कारें हैचबैक कारों से महगी होती हैं. लेकिन, पावर और आराम के मामले में भी ये कारें हैचबैक कारों से बेहतर होती हैं. जिससे इनसे लंबी दूरी आसानी से तय की जा सकती है.
रीसेल वैल्यू
हैचबैक कारों की तुलना में सिडान कर बेहतर होती हैं. लेकिन भारत में हैचबैक और एसयूवी कारों की डिमांड काफी ज़्यादा जिसकी खास वजह इन कारों का छोटा आकर, माइलेज और इनकी कम कीमत का होना है. वहीं, हैचबैक कारों का रखरखाव भी सेडन कारों की तुलना में काफी कम होता है. जिसकी वजह से भी इन्हें ज़्यादा पसंद किया जाता है. इसलिए, भारत में हैचबैक कारों की रिसेल वैल्यू बेहतर मिलती है.
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