Advantages of Day Time Running Lights in Vehicles: भारत में 1 अप्रैल 2017 से सभी तरह के वाहनों में दिन के समय भी डे टाइम रनिंग लाइट ऑन रखने का नियम लागू किया जा चुका है, लेकिन आज भी बहुत लोग इस नियम की असली वजह से रूबरू नहीं हैं. उनके लिए ये कंपनियों की तरफ से अलग-अलग बीएस मानकों वाले वाहनों में किया गया बदलाव भर है. इसलिए इस खबर में हम आपको इसकी सही वजह की जानकारी देने जा रहे हैं.


सड़क हादसों की संख्या है असली वजह


दरअसल वाहनों में अनिवार्य रूप से हेडलाइट ऑन रखने का निर्णय देश में सड़क हादसों की गंभीर होती समस्या को ध्यान में रखकर ही लागू किया गया है. जिससे धुल, बरसात, घना, कोहरा और हैवी ट्रैफिक के समय के समय भी वाहन की स्थिति का अंदाजा लग सके. जोकि दुर्घटना की एक बड़ी वजह है. वहीं सामान्य तौर पर भी कही आते-जाते समय जब सामने से आ रही गाड़ी की लाइट दोनों तरफ से आ रही गाड़ियों के चालकों पर पड़ती है, तो दोनों तरफ के चालक अलर्ट हो जाते हैं और दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है.


कब से लागू हुआ नियम


वाहनों में दिन में लाइट जलने के नियम को 1 अप्रैल 2017 से लागू किया जा चुका है. जिसकी वजह से ही ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने सभी वाहनों में डे टाइम रनिंग लाइट्स देना शुरू कर चुकी हैं. हलांकि इसके लिए पब्लिक को जागरूक करने के लिए किसी तरह का सरकारी आदेश जारी कर जानकारी नहीं दी गयी.


किन देशों में लागू है ये नियम


यूरोपियन देशों में इस नियम को 2003 में ही लागू किया जा चुका है. इन देशों में इटली, हंगरी, रोमानिया, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, कोसोवो, लातविया, लिथुआनिया, मैसेडोनिया, मॉन्टेंगरो, पोलेंड जैसे देशों हैं. इसके अलावा अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में भी ये नियम पहले से लागू है. 


सड़क हादसे हैं गंभीर समस्या


भारत में साल दर साल सड़क हादसों की समस्या गंभीर होती जा रही है. भारत हर साल लगभग 5 लाख दुर्घटनाओं का सामना करता है, जिसमें लगभग 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान टू-व्हीलर से यात्रा कर रहे लोगों को होता है.


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