Vehicle Modification: समय के साथ लोगों में अपनी गाड़ी को अलग दिखाने का क्रेज बढ़ता ही चला जा रहा है. इसके चलते कार निर्माता कंपनियां जल्दी-जल्दी अपने गाड़ियों को अपडेटेड मॉडल के साथ लॉन्च करने में लगी रहती हैं. इसके बाद भी कई लोग अपनी कारों को जरुरत से ज्यादा मॉडिफाइड करवा लेते हैं. जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है. आगे हम आपको इससे जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं, ताकि आप अपना शौक पूरा करने के साथ ही चालान से भी बच सकें.


टायर में बदलाव


मॉडिफिकेशन के तौर पर गाड़ियों में सबसे ज्यादा बदलाव करने वाली चीज टायर होते हैं. लोग दिखावा करने के लिए अपनी गाड़ी में कंपनी द्वारा दिए जाने वाले टायर्स को निकलवाकर अतिरिक्त साइज और अगल डिजाइन के टायर लगवा लेते हैं, जो कार के तय मानक के अनुसार न होने की वजह से कार के माइलेज पर असर डालते हैं. साथ ही पकड़े जाने पर तगड़े फाइन का भी कारण बनते हैं.


तेज आवाज वाले हॉर्न


गाड़ियों में शौक के चलते दूसरी सबसे ज्यादा बदलवाने वाली चीज तेज आवाज वाले हॉर्न है. कई लोग टशन दिखाने के चक्कर में इन्हें लगवा तो लेते हैं लेकिन इनसे होने वाला ध्वनि प्रदूषण काफी नुकसानदायक होने के अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन भी होता है. जिसकी वजह से पकड़े जाने पर चालान भी कट सकता है.


लेनी होती है RTO की परमिशन


आप अपनी बाइक या कार को अलग दिखाने के लिए ऐसा कोई बदलाव नहीं करवा सकते जो आपकी गाड़ी के कागजों में दी गयी जानकारी के खिलाफ हो. (जैसे- रंग नहीं बदलवा सकते, स्ट्रक्टर में छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं, सीएनजी या इलेक्ट्रिक किट नहीं रख सकते जैसी चीजें) इस तरह के किसी बदलाव के लिए आपको आरटीओ विभाग (RTO) से परमिशन लेने की जरुरत होती है. बिना परमिशन वाहन के मूल रूप में बदलाव व्हीकल एक्ट का उलंघन माना जाता है. जिसकी वजह से आपको न केवल भारी भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है, बल्कि आपकी गाड़ी को सीज भी किया जा सकता है.


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