ADAS यानि एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम नई गाड़ियों में चार चांद लगाने वाला फीचर है. जिसके चलते इस फीचर से लैस गाड़ियां बाकियों के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित और बेहतर मानी जाती है. इन गाड़ियों में ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रैकिंग सिस्टम से लेकर, लेन वार्निंग डिपॉर्चर जैसे फीचर मौजूद हैं, जो ड्राइविंग टेक्नोलॉजी को नए अंदाज में बदल रहे हैं.


क्या है एडीएएस (ADAS)?


एडीएएस टेक्नोलॉजी और फीचर्स का एक ऐसा पैक है, जो ड्राइविंग को कहीं ज्यादा सुरक्षित और बेहतर बनाता है. इस पैक में सेंसर, कैमरे और कई तरह की डिवाइस का यूज किया जाता है, जो किसी भी तरह की संभावित दुर्घटना को पहचानकर ड्राइवर को इससे बचने की सलाह देती है.


एडीएएस में कई फीचर्स एक साथ काम करते हैं, जोकि लेन डिपार्चर वार्निंग, अडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रैकिंग और ब्लाइंड स्पॉट डिटैक्शन कर, एडीएएस लेवल के मुताबिक इसकी जानकारी ड्राइवर को देते हैं. ताकि ड्राइवर सड़क पर अच्छे से फोकस कर, किसी भीं तरह की अनहोनी से बच सके.


कैसे काम करता है एडीएएस?


एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम कई चिपों में बंटा होता है, जिसे SoCs (Systems on a Chip) कहा जाता है. बेहतर आउटपुट लेने के लिए इन्हें इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलिंग यूनिट के जरिये, सेंसर्स से जोड़ा जाता है. इसके अलावा कार के चारो तरफ मौजूद कैमरा, राडार लिडार और अल्ट्रा सोनिक सेंसर्स एक सुरक्षा कवच बनाकर सेफ्टी देने का काम करते हैं और सही समय पर सही डिसीजन लेकर कार को मूवमेंट देने की क्षमता भी रखते हैं.


एडीएएस के प्रकार-


लेवल 0- इसमें पूरी तरह से गाड़ी का कंट्रोल ड्राइवर के हाथ में होता है और हर चीज के लिए वही जिम्मेदार होता है.


लेवल 1- इसमें कार में मौजूद एक ऑटोमेटिक फीचर, जैसे क्रूज कंट्रोल या लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम ड्राइवर को असिस्ट करने का काम करता हैं.


लेवल 2- इस फीचर में 2 या इससे ज्यादा ऑटोमेटिक फीचर्स मौजूद होते हैं, जो स्टीयरिंग, ब्रैकिंग और एक्सीलेरेशन में ड्राइवर को असिस्ट करने का काम करते हैं.


लेवल 3- इस लेवल में गाड़ी में मौजूद ऑटोमेटिक फीचर अपने आप काम करने में सक्षम होते हैं, लेकिन जरुरत पड़ने पर ड्राइवर कंट्रोल अपने हाथ में ले सकता है. 


लेवल 4- इस लेवल में गाड़ी में मौजूद आटोमेटिक फीचर्स हाईवे आदि पर पूरी तरह से ऑटोमेटिकली काम करने में सक्षम होते हैं.  


लेवल 5- इस लेवल पर एडीएएस फीचर से लैस गाड़ी पूरी तरह से खुद चलने में सक्षम होती है. उसे किसी ड्राइवर की जरुरत नहीं होती.


यह भी पढ़ें- Two Wheeler Uses in The World: इस छुटकू से देश के लोग करते हैं सबसे ज्यादा टू-व्हीलर की सवारी, यहां जान लीजिये कितने नंबर पर है अपनी बारी?


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI