Land Rover Electric Cars: जगुआर लैंड रोवर ने पुष्टि की है कि उसकी नेक्स्ट जेनरेशन रेंज रोवर इवोक, रेंज रोवर वेलार और लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट एसयूवी केवल इलेक्ट्रिक पावरट्रेन के साथ आएंगी. साथ ही कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वेलार 2024 के अंत में कंपनी के यूके में स्थित हेलवुड मर्सीसाइड प्लांट से उत्पादन होने वाली पहली एसयूवी होगी.
ईएमए प्लेटफॉर्म का होगा इस्तेमाल
अगली पीढ़ी के ऑल-इलेक्ट्रिक रेंज रोवर इवोक, रेंज रोवर वेलार और लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट को एक बिल्कुल नए इलेक्ट्रिक मॉड्यूलर आर्किटेक्चर प्लेटफॉर्म पर तैयार किया जाएगा. जिसे कंपनी ने पहले अपने हाइब्रिड कारों के लिए तैयार किया था. जगुआर लैंड रोवर के नए सीईओ एड्रियन मर्डेल ने पिछले साल जुलाई में इन्वेस्टर्स को बताया था कि नए ईएमए प्लेटफॉर्म को इंजीनियरिंग अप्रूवल प्रक्रिया के माध्यम से इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. मार्डेल ने यह बात एक सवाल के जवाब में कही थी, जिसमें वैश्विक बाजार का रुख अचानक से इलेक्ट्रिक की ओर होने की बात कही गई थी. अब कंपनी अपनी आने वाली मिड साइज एसयूवी के लिए इलेक्ट्रिक पावरट्रेन प्लेटफार्म का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि कंपनी तीन या चार वाहनों को ईएमए प्लेटफॉर्म पर बनाया जाएगा. जिसमें नेक्स्ट जेनरेशन इवोक और डिस्कवरी स्पोर्ट शामिल हैं.
रेंज रोवर हो सकती है कंपनी की पहली ईवी एसयूवी
जेएलआर के एक बयान के अनुसार, हलवुड प्लांट से निकलने वाला रेंज रोवर का मॉडल होगा. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का पहला इलेक्ट्रिक मॉडल वेलार होगा, न कि इवोक, जो कि 2024 के अंत तक बाजार में आ सकता है. एक अन्य इलेक्ट्रिक मॉडल छोटा इलेक्ट्रिक डिफेंडर के साथ-साथ डिस्कवरी रेंज की कोई एसयूवी हो सकती है. नए मॉडल के लिए नए यूरोपीय टाटा गिगाफैक्ट्री निर्मित बैटरियों का इस्तेमाल किया जाएगा.
केवल ईवी के लिए अपग्रेड होगा हेलवुड प्लांट
पिछले साल आई एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेएलआर ने पिछले साल ही अपने हेलवुड प्लांट को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए अपग्रेड बदलना शुरू कर दिया था. सूत्रों के अनुसार यह कार्य 2024 तक पूरा हो जाएगा और ईएमए प्लेटफॉर्म पर आधारित कारें भी इसी साल उत्पादन की जानें लगेगी.
3,885 करोड़ रुपये का होगा निवेश
इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में हेलवुड कंपनी के बेहतर भविष्य के लिए सहायक होगी. फैक्ट्री के लिए 1963 में फोर्ड की खोली गई गियरबॉक्स निर्माण साइट का इस्तेमाल किया जाएगा. इसे 2024 तक इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन फैक्ट्री के रूप में बदलने के कंपनी ने करीब 380 मिलियन यूरो यानि लगभग 3,885 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
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