नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से देश में ऑटो इंडस्ट्री के खस्ता हाल रहे हैं. लेकिन इस बीच हुंडई मोटर इंडिया ने घोषणा की कि उसने मई में करीब 5000 हजार कारें निर्यात की हैं. इसके साथ ही कंपनी ने केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर के संकल्प को भी बढ़ावा दिया.
हुंडई मोटर इंडिया के एमडी और सीईओ एसएम किम ने कहा, "हुंडई ने 8 मई को चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में अपने प्लांट में प्रोडक्शन शुरू किया था और उस दिन 200 कारों को रोल आउट किया था." कोरियाई कार निर्माता ने एक बयान में बताया कि निर्यात किए गए 5,000 वाहनों का परिचालन शुरू होने के बाद से निर्माण किया गया था. "हम एक बार फिर से मई 2020 में 5,000 से अधिक इकाइयों का निर्यात करके सामान्य स्थिति की ओर बढ़ चुके हैं. यह हुंडई के स्थानीयकरण की दिशा में किए गए प्रयासों और आर्थिक सुधारों का प्रमाण है.
किम ने कहा, "हमने 1999 में मेक इन इंडिया- मेड फॉर द वर्ल्ड' के प्रचार के उद्देश्य से भारत में अपना निर्यात अभियान शुरू किया था. अपनी वैश्विक रणनीति के अनुसार हमने अब 88 देशों को 3 मिलियन से अधिक वाहनों का निर्यात किया है जो देश के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं."
2019 में, कंपनी ने देश-विशिष्ट वरीयताओं और मांग के अनुसार 792 अनुकूलित वेरिएंट के साथ 181,200 इकाइयों का निर्यात किया था. भारत से निर्यात होने वाले सभी यात्री वाहनों में 2019 में इसकी बाजार हिस्सेदारी 26% थी. भारत से निर्यात की जाने वाली हुंडई कारों में एटोस (सैंट्रो), ग्रैंड आई 10, एक्ससेंट, एलीट आई 20, एक्सेंट (वेरना), वेन्यू, 2020 क्रेटा और बहुत कुछ शामिल हैं.
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