नई दिल्ली: देश में ऑटो इंडस्ट्री का मंदी की वजह से पहले ही बुरा हाल था. कठिन उत्सर्जन मानकों को अपनाने के सरकारी नियमों ने कार निर्माताओं को कीमतों में इजाफा करने के लिए मजबूर किया था जिससे कारों की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिली. वहीं अब लॉकडाउन की वजह से ऑटो इंडस्ट्री पर दोहरी मार पड़ी है.


भारत में ऑटोमेकर्स ने मार्च में बिक्री में भारी गिरावट देखी. कोरोनो वायरस महामारी के चलते उत्पादन में मांग में कमी के कारण मंदी का सामना करना पड़ा. कोरोना वायरस पर अंकुश लगाने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया जिससे कार निर्माता कंपनी जैसे मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फोर्ड मोटर कंपनी, टोयोटा मोटर कॉर्प और हुंडई मोटर को अपनी मेन्यूफेक्चरिंग बंद करनी पड़ी.


भारत में हर दो कारों में से एक बेचने वाली कंपनी मारुति की बिक्री पर भी काफी असर देखने को मिला. कंपनी ने मार्च में 83,792 बेचीं, जो पिछले साल की तुलना में 47% कम थी. वहीं स्कॉर्पियो जैसे पॉपुलर स्पोर्ट-यूटिलिटी वाहनों के निर्माता महिंद्रा ने बिक्री में 88% गिरावट हुई.


इनके अलावा मार्च में टाटा मोटर्स के यात्री वाहन की बिक्री में 68% की गिरावट आई है, जबकि ट्रकों और बसों की बिक्री में 87% की गिरावट देखने को मिली. टाटा ने कहा कि भविष्य में यह मासिक के बजाय तिमाही रिपोर्ट तैयार करेगा.


टोयोटा ने कहा कि मार्च में कुल बिक्री 59% घटकर 8,022 वाहन रह गई, जबकि भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी हुंडई ने 32,279 वाहनों की बिक्री के साथ पिछले साल की तुलना में 47% कमी आई.


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