Luxury Cars Accident: तेज रफ्तार लग्जरी कारों ने बरपाया कहर, महीने भर में हुए तीन बड़े हादसे, जानें 2022 का हाल
सड़क दुर्घटना 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई 20,513 दुर्घटनाओं में 10,160 पैदल चलने वाले यात्रियों की भी मौत हुई थी.
Luxury Cars Accident Increasing: पिछले कुछ सालों से महंगी लग्जरी कारों से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. हाल ही में पुणे में एक पोर्शे कार से टक्कर में दो इंजीनियरों की मौत का मामला काफी चर्चा में है, जिसमें नशे में धुत एक 17 वर्षीय नाबालिक ने 19 मई को अपने पिता की पोर्शे कार की तेज गति से चलाते हुए दो लोगों को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इससे पहले 16 मई को नोएडा में ऐसी ही एक दुर्घटना में एक ई रिक्शा में तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने टक्कर मार दिया, जिसमें भी दो लोगों की जान चली गई.
ऑडी ने बुजुर्ग को मारी टक्कर
यह घटना 26 मई की है, जब उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 53 के गिझोर गांव निवासी 64 साल के बुजुर्ग जनक देव शाह घर से दूध लेने निकले थे, तभी तेज गति से जा रही एक ऑडी कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिससे तुरंत उनकी मौत हो गई.
क्या कहती है सड़क मंत्रालय की रिपोर्ट
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में साल 2023 में 1,176 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 470 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि मौत 858 लोग घायल हो गये. वहीं, यह आंकड़ा साल 2022 में 437 लोगों की मौत और 856 लोगों के घायल होने का था. साल 2022 में पूरे भारत में कुल 4.61 लाख सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 1.68 लाख लोगों की मौत हो गई, जबकि 4.43 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए.
पिछले साल हुआ रोल्स रॉयस का एक्सीडेंट्स
पिछले साल अगस्त में नूंह, हरियाणा में एक तेज रफ्तार रोल्स रॉयस लिमोसिन की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर गलत दिशा में चल रहे एक पेट्रोल टैंकर से जोरदार टक्कर हो गई, जिससे कार सवार दो लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे में कार की स्पीड 230 kmph से ज्यादा थी, लगातार बढ़ते ऐसे हादसों का सबसे बड़ा कारण ट्रैफिक नियमों का पालन न किया जाना और तेज स्पीड से ड्राइव करना है.
1.68 लाख लोगों में से 1.19 लाख की जान
लग्जरी कारों से बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर, सड़क सुरक्षा अधिवक्ता और गैर सरकारी संगठन ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ के संस्थापक पीयूष तिवारी ने बताया कि इस समस्या का सबसे बड़ा कारण देश लाइसेंसिंग व्यवस्था का खराब होना है, जिसमें एक एलएमवी लाइसेंस धारक को एक 800 सीसी की कार से लेकर किसी भी हाई पॉवर वाली सुपर कार को चलाने की अनुमति मिलना है. इस व्यवस्था में सुधार करना आवश्यक है.
पैदल यात्री भी नहीं हैं सुरक्षित
टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोल की एक मर्सिडीज कार नवंबर 2022 में सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिनमें कार में बैठे लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. सड़क दुर्घटना 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई 20,513 दुर्घटनाओं में 10,160 पैदल चलने वाले यात्रियों की भी मौत हुई थी. इनकी सुरक्षा के लिए सरकार की ट्रैफिक और लाइसेंसिंग के नियमों में बदलाव करने की जरूरत है.
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