सेफ्टी के मामले में फिसड्डी निकली महिंद्रा की ये SUV, ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 1-स्टार रेटिंग
बोलेरो Neo के लिए कम रेटिंग का एक और कारण साइड-फेसिंग थर्ड-रो सीटों की मौजूदगी है. जबकि महिंद्रा ने स्कॉर्पियो N, एक्सयूवी700 और एक्सयूवी300 एसयूवी जैसे अपने प्रॉडक्ट्स के लिए अच्छी रेटिंग हासिल की है
Mahindra Bolero Neo Global NCAP Rating: महिंद्रा बोलेरो नियो कॉम्पैक्ट एसयूवी को ग्लोबल एनसीएपी के भारत के लिए सेफ कार प्रोग्राम के तहत क्रैश टेस्ट के लेटेस्ट ट्रेंड में एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी दोनों में 1-स्टार रेटिंग मिली है. जिस एसयूवी को टेस्ट किया गया था, उसमें स्टैंडर्ड तौर पर केवल दो एयरबैग लगे थे और कई पैरामीटर्स पर इसे कम रेटिंग मिली है.
महिंद्रा बोलेरो नियो ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग
ग्लोबल एनसीएपी के अनुसार, बोलेरो नियो को लेटेस्ट प्रोटोकॉल के तहत टेस्ट किया गया है और इसे अधिकतम 34 में से 20.26 अंक मिले. रिपोर्ट में कहा गया है कि एसयूवी का स्ट्रक्चर और फुटवेल एरिया अस्थिर है, और इसके आलावा, इसमें चालक के लिए कमजोर चेस्ट और लेग सेफ्टी भी मिली. बोलेरो नियो सभी यात्रियों के लिए कर्टेन एयरबैग या सीट बेल्ट रिमाइंडर से लैस नहीं है.
जहां तक चाइल्ड पैसेंजर सेफ्टी की बात है, तो बोलेरो नियो ने अधिकतम 49 अंकों में से 12.71 अंक प्राप्त किए. सभी यात्रियों के लिए 3-प्वाइंट सीट बेल्ट की कमी, यात्री एयरबैग स्विच की कमी और केवल एक चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम (CRS) के कारण इस एरिया में कम स्कोर मिले, भले ही चाइल्ड प्रोटेक्शन ने "एक्सेप्टेबल मोबिलिटी परफॉर्मेंस" दिखाया हो.
पुराना प्लेटफार्म है कम रेटिंग का कारण
बोलेरो नियो के लिए कम रेटिंग का एक और कारण साइड-फेसिंग थर्ड-रो सीटों की मौजूदगी है. जबकि महिंद्रा ने स्कॉर्पियो एन, एक्सयूवी700 और एक्सयूवी300 एसयूवी जैसे अपने प्रॉडक्ट्स के लिए अच्छी रेटिंग हासिल की है, लेकिन बोलेरो की कम रेटिंग आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि यह एक पुराने प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है. बोलेरो नियो एक अपडेटेड टीयूवी300 एसयूवी है और इसे दो साल के भीतर एक नए प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट किया जाएगा.
इन कारों की भी हुई टेस्टिंग
बोलेरो नियो के अलावा, ग्लोबल NCAP ने इस इवेल्यूएशन ट्रेंड में होंडा अमेज और किआ कैरेंस एमपीवी को भी टेस्ट किया गया है. सुरक्षा एजेंसी ने यह भी घोषणा की कि ये टेस्टिंग भारत के लिए सुरक्षित कारों के अभियान के अंतिम परीक्षणों में से हैं क्योंकि भारत NCAP अब पूरी तरह से एक्टिव हो गया है.
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