Mahindra: महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के खिलाफ कर्नाटक के बेंगलुरु में एक शिकायत दर्ज की गई. महिंद्रा कार के एक यूजर ने कंपनी और कार डीलर के खिलाफ ये शिकायत दर्ज की. इस मामले में जिला न्यायालय का फैसला आ गया है और ये फैसला कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया है. कोर्ट ने कंपनी और डीलर को 55 हजार रुपये याचिकाकर्ता को मुआवजे के तौर पर देने के लिए भी कहा है.


क्या है मामला?


महिंद्रा कंपनी और उसके डीलर के खिलाफ जे. सोमनाथ नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज की थी. जे. सोमनाथ ने साल 2021 में सीरेश ऑटो से Mahindra Bolero Power+ ZLX खरीदी थी. कार खरीदने के बाद से ही खरीदार को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसके बाद जे. सोमनाथ ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत कंपनी और डीलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. साथ ही सर्विस न मिल पाने का आरोप भी कार के मालिक ने लगाया.


महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से भी इस मामले में कोर्ट में सफाई पेश की गई. कंपनी ने बताया कि कार में कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं है. लेकिन, जे. सोमनाथ को जो भी दिक्कत का सामना करना पड़ा, उसे कंपनी ठीक करने की कोशिश करेगी. साथ ही कार के सभी डिफेक्टेड पार्ट्स को बदल दिया जाएगा.


कोर्ट ने सुनाया फैसला


कमीशन की ओर से इस मामले में फैसला सुनाया गया है. कमीशन ने कहा कि दूसरे पक्ष की तरफ से व्हीकल के पार्ट्स को बदलने में देरी की गई है. इस देरी की वजह से जे. सोमनाथ को परेशानी झेलनी पड़ी. इसलिए कोर्ट ने फैसला जे. सोमनाथ के पक्ष में सुनाया.


कोर्ट ने कहा कि दो महीने के अंदर महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड और सीरेश ऑटो को मिलकर कार के डिफेक्टेड पार्ट्स को बदलना होगा. साथ ही 50 हजार रुपये मुआवजे के देने होंगे और अतिरिक्त 5 हजार रुपये भी कंपनी को लिटिगेशन कॉस्ट के भी देने होंगे, जो कि जे. सोमनाथ के मुकदमे में खर्च हुए हैं.


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