पिछले 6 महीने से पूरी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से परेशान है. आर्थिक मंदी के बीच अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ा है. हालात ये है कि आज न जाने कितनी कंपनियां बंद हो चुकी है. देश- विदेश की बड़ी बड़ी कंपनियों में आज भी काम ठप पड़ा हुआ है. ऑटो इंडस्ट्री पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा है. इस साल मांग में आई कमी की वजह से कई कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है. भारत में कई मैन्युफैक्चरिंग और सेल्स ऑपरेशन बंद हो चुके हैं. इसी कड़ी में अब अमेरिकी कंपनी हार्ली-डेविडसन ने भी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बंद कर दी है. कंपनी का कहना है कि ऐसा रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है. जिसका नाम ‘The Rewire’ रखा है. कंपनी का कहना है कि भारत में घटती मांग को देखते हुए अब कंपनी ने अमेरिका पर ही ज्यादा फोकस करने की रणनीति बनाई है.


भारत में लगातार कम हो रही थी मांग

हार्ली की बाइक्स की मांग भारतीय बाजार में लगातार कम हो रही है. कंपनी के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में हार्ली बाइक्स की सेल्स 22 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इस साल केवल 2,676 यूनिट्स की ही बिक्री की थी. वहीं इसके पहले वित्त वर्ष में 3,413 यूनिट्स की बिक्री की थी.


कई लोगों की नौकरी पर खतरा

दरअसल कोरोना महामारी की वजह से हार्ली-डेविडसन की मांग में काफी कमी आई है. जिसके चलते कंपनी ने हरियाण के बावल में बनी अपनी असेम्बली यूनिट को बंद करने का फैसला किया है. कंपनी के इस फैसले से इस यूनिट में काम करने वाले करीब 100 कर्मचारियों की छंटनी भी होगी. ऐसे वक्त में नौकरी जाना इन लोगों के लिए परेशानी पैदा करेगा. वहीं कंपनी पिछले वित्त वर्ष भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. Harley-Davidson की भारत में कुल 2,500 यूनिट बिकीं थी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खराब प्रदर्शन रहा था.


इन कंपनियों ने छोड़ा इंडियन मार्केट

पिछले 3-4 साल में कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारतीय बाजार छोड़ दिया है. इसमें जनरल मोटर्स, फिएट, स्कानिया, साउथ कोरिया की कंपनी Ssangyong, MAN और UM Motorcycles शामिल है. अब हार्ली-डेविडसन भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है.


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