Maruti Suzuki Cars: मारुति सुजुकी की तरफ से हाल में इसकी दो कारों (फ्रॉन्क्स और ब्रेजा) के क्रैश टेस्ट का वीडियो जारी किया गया है, लेकिन इनकी क्रैश टेस्ट रिपोर्ट सामने नहीं आयी है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये टेस्टिंग मारुति ने खुद की है. कंपनी के मुताबिक, ग्राहकों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए मारुति खुद अपनी कारों का कठिन क्रैश टेस्ट करती है. 


मारुति अपनी कारों का क्रैश टेस्ट अपनी खुद की टेस्ट फैसिलिटी में करती है और बड़ी बारीकी से गाड़ियों का परीक्षण करती है. इसके लिए क्रैश टेस्ट के समय कारों में डमी का यूज किया जाता है. 


इसके बाद कार के फ्रंट और साइड की मजबूती को चेक करने के लिए क्रैश टेस्ट को अंजाम दिया जाता है. कार के दोनों छोर को क्रम्पल जोन से जोड़ा जाता है, ताकि केबिन में बैठी सवारी को ज्यादा से ज्यादा सेफ्टी दी जा सके. 


मारुति यहां तक दावा करती है, कि कंपनी अपनी कार को बाजार में लाने से पहले इंटरनली उसके 50 क्रैश टेस्ट करती है. कार में मौजूद डमी पर कार में मौजूद एयरबैग के अलावा सीटों को हुए नुकसान के साथ साथ, केबिन की कई अन्य चीजों का भी मूल्यांकन भी करती है.  


हालांकि, मारुति सुजुकी की पांच कारों को इसी तरह 2022-23 में ग्लोबल NCAP द्वारा नए प्रोटोकॉल के तहत क्रैश टेस्ट किया गया था. इन कारों में स्विफ्ट, वैगन आर, इग्निस, ऑल्टो के10 और एस-प्रेसो कारें शामिल थीं.  


पांचों कारों में से ऑल्टो को छोड़ दें, जिसने एडल्ट सेफ्टी में 2 स्टार रेटिंग हासिल की थी. इसके बाकि चारों कारों को क्रैश टेस्ट में केवल 1 स्टार स्कोर के साथ संतोष करना पड़ा था. साथ ही मारुति ने खुलासा किया है, कि वह शुरुआत में न्यू भारत NCAP क्रैश टेस्ट के लिए कम से कम अपनी तीन कारों को भेजेगी. भारत न्यू कार असिस्मेंट प्रोग्राम को इसी साल MoRT मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है. जिसका मकसद भारतीय बाजार में सुरक्षित कारों को बढ़ावा देने के साथ साथ, ग्राहकों को भी सुरक्षित कार खरीदने के लिए प्रेरित करना है. 


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