Maruti Suzuki First Car Maruti 800 Launch Date: कार खरीदना कई लोगों के लिए एक सपने की तरह होता है. वहीं पहले के समय में तो गाड़ी खरीदना एक बड़ी बात मानी जाती थी. 80 के दशक में अगर कोई कार खरीद कर लाता, तो उसे एक लग्जरी लाइफस्टाइल में जाना जाता था. उस दशक में देश में उस समय केवल दो ही ऑप्शन मौजूद थे- The Fiat और The Ambassador. 80 के दशक में भारत में एक ऐसी कार निर्माता कंपनी की शुरुआत हुई, जिसने कारों की दुनिया में क्रांति ही ला दी.
मारुति की भारत में एंट्री ऑटो सेक्टर में एक रिवॉल्यूशन के तौर पर ली जा सकती है. मारुति ने साल 1980 में मारुति 800 को भारतीय बाजार में लॉन्च किया. मारुति 800 टेक्नोलॉजी के मामले में उस समय में मार्केट में मौजूद गाड़ियों को टक्कर दे रही थी. मारुति 800 एक छोटी और वजन में हल्की कार थी, जिसे ड्राइव करना और मेंटेन करना दोनों ही आसान था.
मारुति 800 की लॉन्चिंग
मारुति 800 की लॉन्चिंग को लेकर सभी जगह काफी क्रेज छाया हुआ था. ऑटो सेक्टर में इस गाड़ी की काफी चर्चा थी. मारुति 800 किसी अमीर या गरीब की कार नहीं थी, बल्कि इस कार का किसी के पास होना ही एक अलग स्टैंडर्ड समझा जाता था. ये वो कार थी, जिसे बड़े-बड़े उद्योगपति भी खरीदना चाहते थे. उस दौर में मारुति की ये कार एक स्टेटस के तौर पर जानी जाती थी.
प्री-बुकिंग में आया भूचाल
जापानी कार निर्माता कंपनी ने जैसे ही इस कार की बुकिंग को शुरू किया, वैसे ही भारत के लोग इस गाड़ी को खरीदने के लिए टूट पड़े. साल 1983 में 9 अप्रैल को मारुति 800 की बुकिंग को शुरू किया गया. इस कार की बुकिंग के लिए 10 हजार रुपये का डाउन पेमेंट करना जरूरी था. करीब 1,20,000 कस्टमर ने इस कार के लिए जल्दी ही बुकिंग कर दी. 9 अप्रैल से शुरू हुआ ये आंकड़ा 8 जून तक 1.35 लाख यूनिट तक पहुंच गया. इस बुकिंग का असर ये हुआ कि इस कार का वेटिंग पीरियड तीन साल तक भी पहुंचा.
80 के दशक में क्या थी मारुति 800 की कीमत?
मारुति 800 की लॉन्चिंग के वक्त दिल्ली में कीमत 52,500 रुपये थी. कंपनी ने साल 1983 में 14 दिसंबर से कार को डिलीवर करना शुरू किया. शुरुआती 10 कारों की बुकिंग करने वालों को उनकी कार की चाबी उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथों मिली थी. मारुति 800 की पहली कार इंडियन एयरलाइन्स में काम करने वाले हरपाल सिंह को मिली, जिन्होंने मारुति 800 खरीदने के लिए अपनी पुरानी गाड़ी Fiat को बेच दिया था.
लोगों की पहली पसंद बनी मारुति 800
मारुति 800 ने बहुत जल्दी ही भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली. मारुति की ये कार सभी की पसंदीदा कारों में शामिल होती जा रही थी. मारुति 800 में हो रहे अपग्रेड और इंप्रूवमेंट्स ने गाड़ी की उम्र को भी बनाए रखा. साल 1986-87 तक मारुति 800 की एक लाख यूनिट्स का प्रोडक्शन किया गया. इसके बाद मारुति की इस कार के प्रोडक्शन का सिलसिला बढ़ता ही चला गया.
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