देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया का चिप की वजह से प्रोडक्शन अगस्त में आठ फीसदी तक घटकर 1,13,937 यूनिट रहा. कंपनी के मुताबिक सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से पिछले महीने के दौरान उसके प्रोडक्शन पर असर पड़ा. वहीं पिछले साल मारुति ने अगस्त में 1,23,769 वाहन बनाए थे. शेयर मार्केट को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे की कमी की वजह से अगस्त में कंपनी कम कारें बना सकी.
इसलिए उत्पादन में आई कमी
सेमीकंडक्टर सिलिकन चिप, जिसका इस्तेमाल वाहन, कंप्यूटर और मोबाइल फोन के अलावा अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स में कंट्रोल के साथ-साथ मेमोरी के लिए किया जाता है. हाल के समय में नए इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स जैसे ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और ड्राइवर एसिस्ट की वजह से ऑटो कंपनियों मे सेमीकंडक्टरों का इस्तेमाल बढ़ा है. मारुति ने कहा कि अगस्त में उसका पैसेंजर व्हीकल्स का प्रोडक्शन घटकर 1,11,368 यूनिट रह गया, जो अगस्त, 2020 में 1,21,381 यूनिट था. अगस्त में मिनी कारों जैसे आल्टो और एस-प्रेसो का प्रोडक्शन 20,332 यूनिट रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 22,208 यूनिट था.
ऐसा रहा कॉम्पैक्ट व्हीकल्स का प्रोडक्शन
इसी तरह कॉम्पैक्ट कारों जैसे वैगनआर, सेलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर का प्रोडक्शन घटकर 47,640 यूनिट रह गया, जो अगस्त, 2020 में 67,348 यूनिट था. यूटिलिटी वाहनों जिप्सी, एर्टिगा, विटारा ब्रेजा और एक्सएल 6 का प्रोडक्शन हालांकि बढ़कर 29,965 यूनिट पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान महीने में 21,737 यूनिट था.
Ecco का प्रोडक्शन बढ़ा
वहीं इसी तरह ईको वैन का प्रोडक्शन भी बढ़कर 10,430 यूनिट पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 8,898 यूनिट था. कंपनी ने कहा कि उसके हल्के कॉमर्शियल व्हीकल सुपर कैरी का प्रोडक्शन 2,569 यूनिट रहा. एक साल पहले समान महीने में यह 2,388 यूनिट था. जुलाई में मारुति का प्रोडक्शन सालाना आधार पर 58 प्रतिशत बढ़कर 1,70,719 यूनिट रहा था.
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