Army Commanders Conference: दिल्ली में 21 अप्रैल को सेना कमांडरों के सम्मेलन की शुरूआत हुई. यह द्विवार्षिक कार्यक्रम भारतीय सेना के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक है. आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस को पहली बार हाईब्रिड तरीके से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सेना के कमांडर वर्चुअल रूप से मिलते हैं और फिर डिटेल्ड डिमॉन्सट्रेशन के लिए दिल्ली में मिलते हैं. सेना के इस कार्यक्रम में रेट्रोफिटेड ईवी कंपोनेंट्स के साथ मारुति सुजुकी जिप्सी को शोकेस किया गया है. इस ऑपरेशन के लिए टैडपोल प्रोजेक्ट्स स्टार्टअप काम कर रहा है. जवाद खान के लीडरशिप में इस स्टार्टअप को आईआईटी-दिल्ली के तहत तैयार किया गया है. इसकी ऑफिशियल वेबसाइट में यह जानकारी दी गई है कि टैडपोल प्रोजेक्ट्स मुख्य रूप से विंटेज कारों और जिप्सी के लिए काम करता है. इस कार को EV में बदलने के लिए 30 kW किट को तैयार किया गया है, जो जीरो उत्सर्जन के साथ इस कार को 120 किमी प्रति चार्ज तक चला सकती है.
क्या है टैडपोल प्रोजेक्ट
भारतीय स्टार्टअप टैडपोल प्रोजेक्ट्स एक ईजी सेटअप के जरिए वही ड्राइविंग अनुभव प्रदान करने का दावा करती है. टैडपोल ने अपनी वेबसाइट पर चार बैटरी पैक के विकल्प दिए हैं, जिसमें दो 48V EV आर्किटेक्चर, एक 1440 Wh मॉड्यूल और एक 1536 Wh मॉड्यूल का विकल्प शामिक है. जबकि 1920 Wh मॉड्यूल के साथ 60V आर्किटेक्चर और 8640 Wh मॉड्यूल के साथ 72V आर्किटेक्चर का भी विकल्प मौजूद है.
कैसा है ये किट
ये सभी बैटरी मॉड्यूल IP65/67 रेटिंग के साथ आते हैं. साथ ही इसमें शॉर्ट सर्किट, ओवरचार्ज और अंडर-डिस्चार्ज प्रोटेक्शन भी दी गई है. साथ ही 30 kW तक की EV किट और 1 kW से 37 kW (49.6 bhp) इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए स्मार्ट बीएमएस का भी विकल्प मिलता है. इन्हें चार्ज करने में 2 से 6 घंटे का समय लगता है. टैडपोल ने मोटर पर 2 साल और बैटरी के लिए 3 से 5 साल की वारंटी ऑफर किया है, जिसे 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
कैसे EV में कन्वर्ट होते हैं वाहन
इस प्रक्रिया में इंजन कंपोनेंट्स की अदला-बदली, बैटरी प्लेसमेंट के लिए बेहतर स्पॉट का पता लगाना, बैटरियों के सेटअप और मौजूदा ड्राइवट्रेन को इलेक्ट्रिक मोटर से जोड़ना जैसे काम शामिल हैं. यह पुराने और इस्तेमाल न होने वाले आईसीई वाहनों की लाइफ को बढ़ाने एक अच्छा तरीका है. यदि किसी वाहन से इमोशनल फीलिंग जुड़ी हुईं हैं तो स्क्रैप करने के बजाय EV में तब्दील किया जा सकता है. पुराने वाहनों के ईवी बदलने से गाड़ी की लाइफ बढ़ने के साथ साथ उन्हें किसी खास विंटेज कार की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
क्या होगा फायदा
रेट्रोफिटेड ईवी कन्वर्जन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मौजूदा वाहनों को जीरो-उत्सर्जन पावरट्रेन के साथ फिर से उपयोग करने लायक बनाया जा सकता है. भारतीय सेना जिप्सियों से अच्छी तरह से परिचित है, और वह इन्हें कुछ ही मिनटों में पूरी तरह से अलग करके फिर से वापस जोड़ने में सक्षम हैं.
इन वाहनों में होगा बदलाव
भारतीय सेना भविष्य में सॉफ्ट-टॉप जिम्नी को अपने बेड़े में शामिल कर सकती है. साथ ही सभी अयोग्य जिप्सियों को स्क्रैप करने के बजाए उन्हें EV में कन्वर्ट किया जा सकता है.
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