(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कल से कारों के लिए बदलने वाले हैं नियम, ड्राइवर के पास वाली सीट के लिए भी जरूरी होगा एयरबैग
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक देश में हर साल करीब 80 हजार लोग एक्सीडेंट में मरते हैं. यानी भारत में दुनिया के 13 प्रतिशत एक्सीडेंट से लोग मरते हैं. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि कारों में बढ़िया सेफ्टी फीचर्स नहीं होते हैं.
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय एक अप्रैल से पैसेंजर कारों में सुरक्षा नियमों में बदलाव करने जा रहा है. सरकार ने अब पैसेंजर व्हीकल्स में ड्राइवर के साथ-साथ बराबर वाली सीट के लिए भी एयरबैग को अनिवार्य कर दिया गया है. मंत्रालय ने इस महीने के पहले हफ्ते में एयरबैग के अनिवार्य प्रावधान के लिए नोटिफिकेशन जारी की थी.
नई कारों में जरूरी होगा एयरबैग केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नई लॉन्च होने वाली कारों में एयरबैग को अनिवार्य करने के बाद ऑटो कंपनी मारुति, टाटा, हुंडई, महिंद्रा, किआ, रेनॉ, होंडा और एमजी मोटर्स को अपनी सभी कारों में ड्राइवर और उसके पास वाली सीट के लिए एयरबैग लगाया जरूरी होगा.
इसलिए किया गया अनिवार्य सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक देश में हर साल करीब 80 हजार लोग एक्सीडेंट में मरते हैं. यानी भारत में दुनिया के 13 प्रतिशत एक्सीडेंट से लोग मरते हैं. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि कारों में बढ़िया सेफ्टी फीचर्स नहीं होते हैं. इसी को देखते हुए सरकार ने एक अप्रैल यानी कल से नई कारों में एयरबैग को अनिवार्य कर दिया है. अब भारत में बेचे जाने वाले मौजूदा मॉडल में एक अगस्त तक जरूरी बदलाव करने होंगे.
एयरबैग्स क्यों हैं जरूरी कारों में एयरबैग्स दुर्घटना में ड्राईवर और बगल में बैठे पैसेंजर की जान बचाने का कम करते हैं. जैसे ही गाड़ी की टक्कर लगती है, ये गुब्बारे की तरह खुल जाते हैं और जिससे कार में बैठे लोग कार के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकरा नहीं पाते और जान बाच जाती है. कारों में जो एयरबैग्स आते हैं उन्हें SRS एयरबैग्स के नाम से जाना जाता है, यहां SRS का मतलब (Supplemental Restraint System) होता है, जोकि इस बात को बताता है कि जैसे ही आप अपनी कार स्टार्ट करते हैं, कार के मीटर में लगे SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड के लिए जल जाते हैं. अगर SRS इंडिकेटर कुछ सेकेंड्स के बाद ऑफ नहीं होते या फिर जलते रह जाते हैं तो समझ जाइए कि एयरबैग में कोई गड़बड़ है.
एयरबैग्स ऐसे करते हैं काम कार के बंपर पर एक इंपैक्ट सेंसर लगा होता है जैसे ही गाड़ी किसी चीज से टकराती है तो इंपैक्ट सेंसर की मदद से एक हल्का सा करंट एयरबैग के सिस्टम में पहुंच जाता है, और एयरबैग्स के अंदर sodium azide गैस भरी होती है उस गैस को वह गैस फॉर्म में प्ले आता है पहले यह किसी और फॉर्म भरी होती है जैसे इंपैक्ट सेंसर करंट भेजता है वह चीज गैस के रूप में परिवर्तित हो जाती है.
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