MotoGP Bharat 2023: हाल ही में (22-24 सितंबर) खत्म हुए मोटोजीपी भारत ग्रैंड प्रिक्स को देखने एक तरफ जहां लोगों की भीड़ उमड़ रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ सड़क सुरक्षा को लेकर काम करने वाले एक्टिविस्ट देश के युवाओं पर होने वाले इसके नकारात्मक असर को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे थे. क्योंकि भारत में टू व्हीलर से होने वाली दुर्घटनाओं और उनमें जान गंवाने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद स्पोर्ट्स बाइक्स ट्रैक पर 350 किमी/घंटा की रफ्तार से फर्राटा भर रहीं हैं, जिसका असर सडकों पर टू व्हीलर की सवारी करने वाले युवाओं पर देखने को मिल सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए एक्टिविस्ट अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं.
इस वजह से हो रही आलोचना
मोटोजीपी भारत की आलोचना करने वाले एक्टिविस्ट में देश में हेलमेट मैन के नाम से मशहूर राघवेंद्र कुमार भी शामिल हैं. जोकि तेज रफ्तार वाली इस रेस को युवाओं के लिए खतरा बता रहे हैं. उनका कहना है कि, मोटोजीपी भारत का आयोजन 30 देशों में होता था. अब भारत को मिलकर इनकी संख्या 31 हो गयी है. लेकिन उनका कहना है कि इससे आखिर हमें हासिल क्या हुआ, नाम या पैसा? देश में हुई ये हाई स्पीड बाइक रेस देश और दुनिया में अधिकतर सड़क दुर्घटना की वजह बन सकती है.
ऐसे बन गए हेलमेट मैन
साल 2014 में राघवेंद्र ने सड़क दुर्घटना में अपने एक दोस्त को खो दिया. तब से लेकर अब तक वो एक फुल टाइम जॉब करने के साथ साथ रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट भी हैं. इसके अलावा उन्हें देश में हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है. जिसकी वजह, सेफ्टी के लिए लोगों को जाकरूक करते हुए अब तक उनके द्वारा 56,000 हेलमेट बांटे जा चुके हैं.
वहीं दूसरी तरफ, इस तरह के इवेंट का आयोजन होना देश के युवाओं के मष्तिस्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. देश में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड लिमिट पर पहले से ही हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा देते हैं, जिसमें ज्यादातर युवा होते हैं. तो फिर 350 किलोमीटर प्रति घंटा वाले इस इवेंट को जश्न क्यों? अकेले राघवेंद्र ही नहीं, गौतम बुद्ध नगर में रहने वाले एक और रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट अमित गुप्ता भी इस इवेंट को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं.
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