Motorcycle And Car Petrol Tank: मोटरसाइकिल या किसी गाड़ी में पेट्रोल और डीजल भरवाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी गाड़ी के फ्यूल टैंक को उसकी क्षमता से ज्यादा न भरवाया जाए. अगर गाड़ी के टैंक की कैपेसिटी से ज्यादा फ्यूल डलवा लिया जाता है तो किसी बड़े हादसे के होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसा क्यों होता है इसके पीछे कई कारण हैं. आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में.
मोटर कंपनियों की फ्यूल टैंक कैपेसिटी
ऑटोमेकर्स किसी भी गाड़ी की फ्यूल टैंक कैपेसिटी को 10 से 15 फीसदी तक कम बताते हैं, जिससे लोग ऑटोमेकर्स की बताई गई कैपेसिटी के मुताबिक ही गाड़ी के टैंक को फुल करवाएं. मान लीजिए आप अपनी मोटरसाइकिल में पेट्रोल डलवाने गए हैं और आपने पेट्रोल पंप पर टंकी फुल करने के लिए कहा. पेट्रोल पंप वाले के मोटरसाइकिल के टैंक को पूरा भर देने पर आपको पता चलता है कि फ्यूल टैंक की कैपेसिटी तो 10 लीटर की थी और गाड़ी में 11 लीटर के करीब पेट्रोल आ गया. तब आपको लगता है कि कैपेसिटी से ज्यादा पेट्रोल कैसे भरा जा सकता है. इसके पीछे की वजह है कि ऑटोमेकर्स जान-बूझकर फ्यूल टैंक कैपेसिटी को कम बताते हैं, जिससे लोग उस लिमिट से ज्यादा टैंक फुल न करवायें.
क्यों नहीं कराना चाहिए गाड़ी का फ्यूल टैंक फुल?
- पेट्रोल पंप में अंडर ग्राउंड टैंक के अंदर जो पेट्रोल और डीजल स्टोर होता है, उसका तापमान अलग होता है. वहीं बाहर पर्यावरण में आने पर तापमान अलग होता है. पेट्रोल या डीजल के टैंकर से निकलने के बाद बाहर वायु के संपर्क में आने पर उसका वॉल्यूम बढ़ जाता है, जिससे फ्यूल के लीकेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए मोटरसाइकिल या कार में उसकी क्षमता से कम ही पेट्रोल या डीजल भरा जाता है.
- पेट्रोल या डीजल से जो भाप निकलती है, उसके लिए भी फ्यूल टैंक के अंदर वैक्यूम की जरूरत होती है. फुल टैंक कराने के बाद पेट्रोल को वो वैक्यूम नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से इंजन की परफॉर्मेंस कम हो जाती है और प्रदूषण भी बढ़ जाता है.
- अगर मोटरसाइकिल में टैंक को पूरा भर दिया जाए और इसे पार्क करते वक्त अगर आप इसे झुकाकर साइड स्टैंड पर खड़ी करते हैं तो लीकेज की आशंका रहती है, जिससे हादसा होने का खतरा बना रहता है.
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