New Policy For Commercial Vehicle in Delhi: दिल्ली सरकार जल्द ही टैक्सी/कैब का संचालन, फूड डिलीवरी कंपनियों और ई-कॉमर्स एंटिटीज के लिए नया नियम लाने वाली है, जिसके तहत इन गाड़ियों को इस दशक के अंत तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदला जाना है. दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट फेज वाइज इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रयोग कर जीरो एमिशन की तरफ बढ़ना चाहता है.
1 अप्रैल 2030 होगी डैडलाइन
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, दिल्ली सरकार 1 अप्रैल 2030 तक सभी कैब और ई-कॉमर्स के तहत यूज होने वाली गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों से बदल देगी. हालांकि दिल्ली अभी भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या के मामलों में अभी भी काफी आगे है.
प्रदूषण को कम करने में मिलेगी राहत
कैलाश गहलोत, परिवहन मंत्री, दिल्ली सरकार ने कहा, हम कम कीमत पर अफोर्डेबल चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, जिसका एक ही उद्देश्य है. दिल्ली को पॉल्यूशन फ्री बनाया जा सके. कुछ सालों में ही इसके कुछ बेहतर परिणाम हमारे सामने आने लगे हैं और दिल्ली की हवा में कुछ सुधार हुआ है.
इसमें शामिल दिल्ली सरकार के कुछ अधिकारियों के मुताबिक, एग्रीगेटर्स के लिए बनायीं गयी ड्राफ्ट पालिसी को लॉ डिपार्टमेंट की तरफ से मंजूरी मिल गयी है. जिसे परिवहन विभाग और लेफ्टिनेंट गवर्नर की तरफ से मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जायेगा और मौजूदा पेट्रोल-डीजल और सीएनजी गाड़ियों को फेज वाइज धीरे-धीरे हटाना शुरू कर दिया जायेगा.
ऐसे बदले जाएंगे इलेक्ट्रिक वाहन
नए नियमों के मुताबिक, कैब आदि का संचालन करने वाले एग्रीगेटर्स द्वारा अगले छह महीनों में खरीदी जाने वाली गाड़ियों में लगभग 6 प्रतिशत गाड़ियां इलेक्ट्रिक होनी चाहिए, जिसे नौंवे महीने तक बढाकर 15 प्रतिशत, साल के आखिर तक 25 प्रतिशत, दो साल के अंदर 50 प्रतिशत, तीन साल के अंदर 75 प्रतिशत और 4 साल के अंदर 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक में बदलना होगा. इस तरह 1 अप्रैल 2030 तक सभी गाड़ियों का इलेक्ट्रिक होनी चाहिए और जो एग्रीगेटर्स इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके लिए जुर्माने का भी प्रावधान होगा.
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