Tax Rules for SUV: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को देश के सभी राज्यों में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल के लिए एक ही परिभाषा रखने का फैसला किया, जिस पर टैक्स की ऊंची दरें लागू होगी. फिलहाल देश में 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता, 4000 mm से ज्यादा लंबाई और 170 mm की ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कारों पर 28% जीएसटी और 22% उपकर लगता है, जिससे प्रभावी कर की दर 50% हो जाती है. हालांकि, अभी राज्यों के पास इसके लिए एक परिभाषा नहीं है जो किसी वाहन को एसयूवी के रूप में परिभाषित करती हो, जिससे वाहन निर्माताओं के लिए भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है.
क्या हुआ है फैसला?
राज्यों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद ने फैसला किया कि एक वाहन को एसयूवी के रूप में अलग करने के लिए इंजन क्षमता, लंबाई और ग्राउंड क्लीयरेंस सहित सभी मानदंडों को पूरी तरह स्पष्ट करना होगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा, जो कारें इनमें से किसी एक भी मानदंड को पूरा नहीं करती हैं, तो उनपर कम सेस रेट लागू होगा.
जौहरी ने बताया है कि एक आंतरिक समिति इस बात को भी तय करेगी कि क्या मोबिलिटी यूटिलिटी वाहनों यानि MPV को भी उच्च उपकर सीमा के तहत आने के लिए इन मानदंडों को पूरा करना होगा.
इस पर नहीं हुआ फैसला
इस निकाय में मंत्रियों के पैनल से तैयार एक रिपोर्ट पर चर्चा नहीं की गई कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो पर भी कर लगाया जाना चाहिए. यह एक ऐसा मुद्दा है जो टाइगर ग्लोबल-समर्थित ड्रीम 11 और सिकोइया कैपिटल-समर्थित मोबाइल प्रीमियर लीग जैसी अरब डॉलर की कंपनियों को प्रभावित करता है.
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