नई दिल्ली: अक्सर देखने में आता है कि लॉन्ग ड्राइव पर या हाइवे पर गाड़ी लेकर जाने से पहले टायर्स में नाइट्रोजन हवा भरवाने की सलहा दी जाती है. टायर्स में नाइट्रोजन हवा अब फ्री में भरी जाने लगी है. पहले इसके लिए 20-25 रुपये प्रति टायर्स के हिसाब से चार्ज किये जाते हैं लिए हैं. नॉर्मल हवा की तुलना में नाइट्रोजन हवा में ऐसी क्या खूबी होती है कि अब ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर यह हवा आसानी से उपलब्ध हो रही है. जानिए यहां...


नॉर्मल हवा के साथ आर्द्रता (Humidity) जैसी समस्या हमेशा बनी रहती है, जिससे गाड़ी के टायर्स को भी नुकसान होने की पूरी संभावना रहती है. इसके अलावा टायर्स के प्रेशर पर भी असर पड़ता है. सफर के दौरान गाड़ी की परफॉरमेंस पर भी असर है. इतना ही नहीं टायर में लगी रिम या एलॉय व्हील पर भी इसका गलत असर पड़ता है.


होता है ये फायदा 


जबकि टायर्स में नाइट्रोजन हवा डलवाने से टायर में जो ऑक्सीजन मौजूद रहती है वो डाल्यूट हो जाती है साथ ही साथ आक्सीजन में मौजूद पानी की मात्रा को भी खत्म कर देती है. इसका फायदा यह भी होता है कि टायर के रिम को नुकसान नहीं पहुंचता. नाइट्रोजन हवा नार्मल हवा की तुलना में अधिक ठंडी रहती है जिसकी वजह से टायर्स हर मौसम में बेहतर परफॉर्म करते हैं. साथ ही ड्राइव करने में सुविधा रहती है.


नाइट्रोजन हवा डलवाने से टायर्स की लाइफ बढ़ जाती है, साथ ही माइलेज में भी इजाफा है. टायर्स की सेफ्टी, हैंडलिंग के लिहाज से भी नाइट्रोजन बेहतर मानी जाती है और यह लम्बे समय तक टिकती है. साथ ही बार-बार फिलिंग करने की जरूरत नहीं होती. फॉर्मूला वन रेस में चलने वाली हर गाड़ी के टायर्स में नाइट्रोजन हवा का ही इस्तेमाल किया जाता है. नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से टायर के फटने की संभावना करीब 90 फीसदी तक कम हो जाती है.

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