Electric Vehicle: भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने, लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए एक सामान चार्जिंग पोर्ट को कंपल्सरी करने की कोई योजना नहीं बना रही है. लोकसभा सदस्य मदिला गुरुमूर्ति और पी.वी. मिधुन रेड्डी ने, इस सवाल के साथ इस तथ्य का जिक्र किया कि एक सामान चार्जिंग पोर्ट के बिना, सभी मैन्युफैक्चरर को देश भर में अपनी अपनी ईवी के लिए अलग चार्जिंग सेटअप लगाना पड़ेगा.


मौजूदा समय में भारत में ईवी निर्माता किसी भी चार्जिंग मानक का यूज करने या अपना खुद का एक मानक तैयार करने के लिए स्वतंत्र हैं. जैसा कि इलेक्ट्रिक टू व्हीलर निर्माता कंपनी एथर एनर्जी ने, अपने हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्वदेशी रूप से एसी और डीसी संयुक्त चार्जिंग कनेक्टर मानक विकसित किया है. 


ईवी चार्जिंग कनेक्टर स्टैंडर्ड वैचारिक रूप से मोबाइल फोन के लिए चार्जिंग कनेक्टर स्टैंडर्ड के समान ही हैं. जैसे USB टाइप-C चार्जर या ऐप्पल का लाइटनिंग चार्जर. हालांकि, एक खास चार्जिंग स्टैंडर्ड को अनिवार्य बनाने से रेंज की चिंता को कम करने में मदद मिल सकती है. क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल मालिक किसी भी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर पहुंच कर अपने ईवी को चार्ज कर सकेंगे. जबकि वर्तमान में, ईवी मालिक को यह देखना होता है, कि सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन उनके ईवी के लिए जरुरी चार्जिंग मानक के अनुकूल है या नहीं.


उदाहरण के तौर पर, ओला के मालिकाना हक वाले हाइपरचार्जर केवल ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करने के लिए ही डिज़ाइन किए गए हैं. एथर एनर्जी के ओपन सोर्स चार्जिंग मानक का यूज, उसके स्वयं के स्कूटर और हीरो विडा वी1 ई-स्कूटर द्वारा किया जाता है. जिसकी वजह हीरो मोटोकॉर्प के पास एथर में एक बड़ी हिस्सेदारी है. अल्ट्रावायलेट के ई-स्कूटर केवल इंटरनेशनल चार्जिंग स्टैंडर्ड IEC 62196-6 का यूज करने वाले चार्जिंग कनेक्टर के साथ कम्पेटिबल है, जबकि कई देशों में ईवी के लिए सामान चार्जिंग स्टैंडर्ड पर सहमति बनने के बाद इसकी सुविधा दी जा रही है. इन बाजारों में यूरोप, अमेरिका शामिल हैं. 


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