अब बिना रेटिंग के टायर्स नहीं बेच पाएंगी कंपनियां, सरकार जल्द लागू करेगी नए नियम
सरकार की इस साल टायर्स के लिए नए नियम लागू करने जा रही है, जिसे सभी टायर्स बनाने वाली कंपनियों को मानना होगा. ये नियम सभी के गाड़ियों के लिए लागू किए जाएंगे.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले कुछ समय से सड़क सुरक्षा को लेकर काफी एक्टिव नजर आ रहा है. जहां पहले आगे ड्राइवर सीट के बगल वाली सीट पर एयरबैग को अनिवार्य किया था वहीं अब मंत्रालय ने टायर बनाने वाली कंपनियों के लिए नए नियम बनाए हैं, जिन्हें जल्द ही लागू कर दिया जाएगा. इन नियम के लागू होने के बाद सभी टायरों पर रेटिंग जरूरी होगी.
ये है मकसद
इन नए नियमों का मकसद गाड़ियों में ईंधन खपत को कम करना और ब्रेकिंग में सुधार करना है. मंत्रालय द्वारा बनाए गए नए नियम कंपनी और ब्रांड की परवाह के बगैर देश में बेचे जाने वाले टायर की क्वालिटी में सुधार करेंगे. मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें रोलिंग रेसिस्टेंस, रोलिंग साउंड एमिशन और वेट ब्रेकिंग क्राइटेरिया तय किया गया है.
तय होगी रेटिंग
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के नए रूल्स लागू होने के बाद टायरों के लिए एक रेटिंग देना जरूरी होगी और कस्टमर्स को इन रेटिंग के हिसाब से टायर खरीदने में मदद मिलेगी. ये अंतरराष्ट्रीय रेटिंग सिस्टम के मुताबिक होंगे जिन्हें यूरोप और मिडिल ईस्ट के मार्केट में फॉलो किया जाता है. खबरों की मानें तो टायर के ये नए नियम इस साल के अंत तक लागू हो सकते हैं.
अभी BIS बेंचमार्क से बिकते हैं टायर्स
देश में टायर मैन्यूफैक्चरर्स को नए नियमों को मानना होगा. ये नियम टू-व्हीलर्स, कार, बस और हैवी व्हीकल्स सभी के लिए लागू होंगे. फिलहाल देश में टायर निर्माता सिर्फ BIS बेंचमार्क के मुताबिक ही अपने टायरों को बेचते हैं. वहीं अब उन्हें नए नियमों के तहत टायर बेचने होंगे.
ये भी पढ़ें
लग्जरी फीचर्स और माइलेज में दमदार, ये हैं टॉप पांच सस्ती सेडान कार
Kia Seltos का नया Nightfall एडिशन 2022 में हो सकता है लॉन्च, Hyundai Creta से होगा मुकाबला