पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए अहम बदलाव के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. दरअसल ट्रांसपोर्ट से जुड़े आठ साल से पुराने सभी वाहनों को अब ग्रीन टैक्स देना पड़ेगा. यह टैक्स रोड टैक्स का 10-25 प्रतिशत का अनुमान लगाया जा रहा है. इस प्रस्ताव को अधिसूचित करने से पहले इस मामले में राज्यों से राय ली जाएगी. राज्यों के पास इस प्रस्ताव को भेजा जा रहा है.


15 साल पुराने सरकारी वाहन होंगे कबाड़
वहीं पर्यावरण सुरक्षा को लेकर केंद्रीय सड़क मंत्रालय ने एक और अहम फैसला लिया. जिसके तहत 15 साल से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल 2022 से रद्द कर दिया जाएगा और ये वाहन कबाड़ घोषित कर दिए जाएंगे. जल्द ही इसको लेकर अधिसूचना जारी की जाएगी.


पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कम देना होगा टैक्स
सरकार के इस प्रस्ताव के मुताबिक परिवहन से जुड़े आठ सालों से ज्यादा पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के दौरान ग्रीन टैक्स देना पड़ेगा. इसके अलावा 15 साल पुराने निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के रिन्यूअल पर भी ग्रीन टैक्स देना होगा. हालांकि सिटी बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ग्रीन टैक्स कम देना होगा. बहुत ज्यादा प्रदूषित शहर में गाड़ियों की संख्या को कम करने के लिए वहां वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोड टैक्स के 50 प्रतिशत तक ग्रीन टैक्स देना पड़ सकता है. राहत की बात ये है कि खेती के काम में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर और दूसरे वाहनों को ग्रीन टैक्स नहीं देना होगा.


'होंगे कई लाभ'
मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुसार ग्रीन टैक्स से जमा होने वाले रेवेन्यू को अलग खाते में रखा जाएगा और उसका इस्तेमाल पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए किया जाएगा. मंत्रालय का कहना है कि ग्रीन टैक्स के बाद कई तरह के लाभ होंगे, जैसे इसके लागू होने के बाद प्रदूषण फैलाने वाले वाहन सड़कों पर कम नजर आएंगे. इसके कारण लोग नए और कम पॉल्यूशन वाले वाहन चलाएंगे.


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