केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया है. इसमें ऑनलाइन एप्लीकेशन समेत कई सुविधाएं शामिल हैं. वहीं इसी को आगे बढ़ाते हुए मंत्रालय ने अब लाइसेंस बनवाने के लिए दिए जाने वाले ड्राइविंग टेस्ट को लेकर भी बदलाव कर दिया है. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने लाइसेंस बनवाने के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसके बाद अब रजिस्टर्ड ड्राइविंग सेंटर्स से सफलतापूर्वक ट्रेनिंग लेने वाले कैंडिडेट्स को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दोबारा ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा. 


RTO के चक्कर से मिलेगा छुटकारा
बता दें कि जिस ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में आप अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे उसे पूरी तरह से मान्यता प्राप्त होना होगा. इस सेंटर में ड्राइविंग टेस्ट पास कर लेने के बाद ही आपको लाइसेंस मिल जाएगा और RTO के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. डीएल के ये नए नियम कल से यानी एक जुलाई से लागू कर दिए गए हैं.


सेंटर्स के लिए ये हैं नियम
ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के पूरे प्रोसेस को ऑडिट के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा. खास बात ये है कि ड्राइविंग टेस्ट के लिए उन्हीं ट्रेनिंग सेंटर्स को मान्यता दी जाएगी जो गाइडलाइंस की पूरी तरह पालना करेंगे. इन गाइडलाइंस में ड्राइविंग सेंटर्स के पास टेस्ट के लिए जगह, ड्राइविंग ट्रैक और बायोमेट्रिक जैसी फैसिलिटीज होना आवश्यक है. अगर कोई ड्राइविंग सेंटर इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी. साथ ही अगर कोई कैंडिडेट ऐसे सेंटर से टेस्ट पास भी करेगा तो उसे लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.  


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