हर फॉर्च्यूनर की बिक्री पर सरकार कमाती है ₹18 लाख, कंपनी को मिलता है सिर्फ ₹40 हजार, यहां समझिए पूरा गणित
आपने भी कभी सोचा होगा की ऑटोमेकर कंपनियां इन भौकली महंगी कारों को बेचकर बहुत ज्यादा मुनाफा कमाती होंगी. लेकिन वास्तविकता यह नही है. तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि ऑटोमेकर कपनियां आखिर कमाती कितना हैं.
Toyota Fortuner : भारत हो या फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार हर जगह आपको एक से एक भौकाली लग्जरी कारें देखने को मिल जाएंगी. इन लग्जरी कारों की कीमत करोड़ो में होती है. सभी लोग इन लग्जरी कारों को अफोर्ड भी नही कर सकते हैं. लेकिन कभी न कभी आपने भी सोचा होगा की ये ऑटोमेकर कंपनियां इन भौकली महंगी कारों को बेचकर बहुत ज्यादा मुनाफा कमाती होंगी. लेकिन वास्तविकता यह नही है. तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि ऑटोमेकर कपनियां आखिर कमाती कितना हैं.
इसको समझने के लिए हम किसी एक गाड़ी को उदाहरण के तौर पर ले लेते हैं. हम टोयोटा फार्च्यूनर की मदद से इसे आसानी से समझते हैं. मान लिया जाए कि टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी 31 लाख रुपये से 48 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) की कीमत पर बाजार उपलब्ध है. कंपनी एक फार्च्यूनर की बिक्री पर मात्र 35,000-40,000 रुपये ही कमाती है. वहीं डीलर की कमाई लगभग एक लाख रुपये होती है. वहीं सरकार की बात करें तो एक फार्च्यूनर की बिक्री पर सभी प्रकार के टैक्स मिलाकर 18 लाख रुपये की कमाती है.
यहां समझें पूरा गणित- जानी मानी यूट्यूबर और सीए साहिल जैन के अनुसार, Toyota Fortuner की कीमत 39,28,000 रुपये है. यह कीमत एक्स-शोरूम है. इसमें से कार की रियल वैल्यू ₹26,27,000 रुपये है. जबकि बाकी की राशि जीएसटी के दो घटकों के कारण जुड़ती है. जिसमें जीएसटी मुआवजा उपकर 22 फीसदी व जीएसटी 28 प्रतिशत शामिल है.
सबसे ज्यादा होती है सरकार की कमाई- जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसके बाद टोयोटा फॉर्च्यूनर की कुल लागत पर अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं.
इनमें शुल्क पंजीकरण, लॉजिस्टिक्स, फास्टैग, ग्रीन सेस (डीजल वाहनों के लिए), टीसीएस, बीमा और एक्सटेंडेड वारंटी शामिल हैं. यहाँ पर बता दें कि सरकार को सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस और ग्रीन सेस से वसूला गया पैसा मिलता है. इसलिए सभी प्रकार के टैक्सों और शुल्कों को मिलाकर सरकार की कुल कमाई 18 से थोड़ा ज्यादा हो जाती है.
निर्माता कंपनियों की सबसे कम है कमाई- यहां पर डीलर के लिए ब्रेकडाउन की बात करें प्रत्येक बिक्री पर होने वाली कमाई एक्स-शोरूम कीमत से मिलने वाले कमीशन पर डिपेंड करती है. बता दें कि इसमें केवल वास्तविक कीमत और जीएसटी घटक शामिल होते हैं. इसके अलावा वे बीमा, सामान की बिक्री और फाइनेंस पर भी कमीशन कमाते हैं. कुल मिलाकर डीलर एक फॉर्च्यूनर की बिक्री पर लगभग 1 लाख रुपये कमाता है. कार निर्माता सबसे कम कमाते हैं, क्योंकि उन्हें वाहन की रियल वैल्यू का केवल एक हिस्सा मिलता है जो एक कार पर 40,000 रुपये के लाभ के आसपास जाता है.
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