Ban on Diesel Cars in Delhi: क्या आपको अभी डीजल गाड़ी खरीदने से बचना चाहिए और क्यों? समझ लीजिये
गाड़ियों के कई खरीदार, जिन्हें डीजल गाड़ियां पसंद हैं. मौजूदा स्थिति को देखकर दुविधा में हैं, तो ये खबर उनकी समस्या हल करने में मदद कर सकती है.
BS4 Diesel Cars Ban in Delhi: हाल ही में दिल्ली में BS4 डीजल कारों पर लंबे समय के लिए बैन लगाया गया है. जिसने खासतौर पर डीजल पावरट्रेन वाली गाड़ियों को फिर से सुर्खियों में लाकर खड़ा कर दिया है और वे नई कार खरीदने के निर्णयों को कैसे प्रभावित करेंगे? आगे हम इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
यह साफ है, कि डीजल अभी अल्पमत में है और ज्यादातर बिक्री नई कारों की बिक्री पेट्रोल की है. जोकि कुछ डीजल विरोधी भावना के कारण भी है. इससे भी जरुरी बात यह है, कि 10 लाख रुपए से कम कीमत वाली ज्यादातर कारों में डीजल की पेशकश नहीं की जाती है. भारत में टॉप 10 या टॉप 20 सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में बहुत कम ही डीजल गाड़ियां हैं और ऐसा इसलिए है, क्योंकि नई कारों के ऑप्शन के रूप में केवल कुछ ही बाजार में बची हुई हैं.
सख्त उत्सर्जन नॉर्म्स को अपग्रेड करने और ऊंची कीमतों ने कई ऑटोमेकर कंपनियों को (कुछ मुट्ठी भर को छोड़कर) डीजल इंजन बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है. अगर आप एक नई डीजल कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो उसे कई सालों तक चलाना एक ऐसा सवाल मालूम पड़ता है, जिसका जबाव BS4 पर डीजल प्रतिबंध या एनसीआर में डीजल कारों पर 10 साल तक की समय-सीमा के कारण कोई भी नहीं दे सकता. मौजूदा समय में केवल केवल कुछ ही डीजल ऑप्शन की पेश की जाती है, लेकिन ज्यादातर बड़ी एसयूवी पर जहां डीजल का टॉर्क समझ में आता है और वे ज्यादा बेहतर हैं, तब डीजल अभी भी समझ में आता है, जो सबसे कठिन नॉर्म्स का अनुपालन करने वाले नए इंजनों के साथ कुछ सालों तक जारी रहेगा.
हालांकि, डीजल इंजन के होने वाले मालिकों को रखरखाव के मामले में हाई कॉस्ट, कम रीसेल वैल्यू की संभावना का जोखिम उठाना पड़ता है और कई सालों तक डीजल कारों को चलाना, वो भी दिल्ली जैसे शहरों में जहां हाल ही में बीएस 4 डीजल पर बैन है. एक बड़ा मुद्दा हो सकता है, जबकि डीजल में कुछ साल बचे हैं. एसयूवी में टक्कर देने वाले काफी ऑप्शन मौजूद हैं, सच्चाई यह है, कि यह तेजी से खरीदार के पक्ष में खत्म हो रही हैं.
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