सेकंड हैंड कार लेने की कर रहे हैं प्लानिंग तो जरूर जानें इसके फायदे और नुकसान
इस मंदी के दौर में अगर आप कार खरीदने पर विचार कर रहे हैं तो सेकंड हैंड कार का ऑप्शन भी चुन सकते हैं. लेकिन इससे पहले आपको इससे जुड़े फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए.
नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह ऑटो इंडस्ट्री की भी खस्ता हाल हैं. कई कंपनियों ने अपनी कारों के दाम भी बढ़ा दिए हैं. ऐसे में नई कार खरीदने इतना आसान नहीं होगा. लेकिन हमारे पास सेकंड हैंड कार खरीदने का भी ऑप्शन है और अगर आप भी सेकंड हैंड कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इसके एडवांटेज और डिसएडवांटेज जान लीजिए.
सेकंड हैंड कार खरीदने के फायदे
हम में से कई लोगों का अपनी कार खरीदने का सपना होता है. लेकिन कई बार हमारा बजट नई कार खरीदने की अनुमति नहीं देता तो हमारे पास सेकंड हैंड कार एक बढ़िया ऑप्शन साबित हो सकती है. जो लोग पहली बार कार चलाना सीख रहे हैं उनके लिए सेकंड हैंड कार बिल्कुल सही रहती है, क्योंकि अगर कार चलाते वक्त इस पर कहीं स्क्रैच लग गए या कार डैमेज हो गई तो ज्यादा दुख नहीं होगा. इसके अलावा सेकंड हैंड कार को कम कीमत पर खरीद कर, उसे इस्तेमाल करके उसके अच्छे दाम भी मिल सकते हैं.
भारी मात्रा में ग्राहकों के लिए बाजार में सेकंड़ हैंड कारों के मॉडल्स, ब्रांड्स और कलर्स उपलब्ध हैं जो दिखने में नई कार को टक्कर देती हैं. थोड़ी मेहनत की जाए तो तो कम कीमत में एक अच्छी सेकंड हैंड कार आपको आसानी से मिल जायेगी. ब्रांड न्यू कार शोरूम से निकल कर रोड पर आते ही उसके दाम गिर जाते हैं इसलिए ग्राहक टॉप मॉडल कार को खरीदना पसंद करते हैं जो एक या दो साल पुरानी हो.
सेकंड हैंड कार के नुकसान
जहां इसके कई फायदे हैं वहीं इसके कई नुकसान भी हैं. अगर आप EMI पर पुरानी कार खरीदने जा रहे हैं तो याद रखें कि नई कार के मुकाबले पुरानी कार में ब्याज दर ज्यादा होती है. ज्यादातर लोग पुरानी कार को भी EMI पर खरीदते हैं क्योंकि कैश की दिक्कत होती है, इसलिए वे लोग लोन लेकर गाड़ी खरीदते हैं. नई कारों पर आसानी से जीरो पर्सेंट लोन्स और फाइनेंस भी मिल जाता है जबकि पुरानी कार पर इस तरह की स्कीम नहीं मिल पाती.
अक्सर देखने में आता है कि पुरानी कार खरीदने के बाद भी लोग उसमें आए दिन पैसा लगाते रहते हैं, जिसकी वजह से उनका खर्चा काफी बढ़ जाता है. कई बार पुरानी कार के इंजन और ट्रांसमिशन के बारे में भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल पाती और कार की अच्छी हालत होते हुए भी इनमें खराबी आ जाती है. पुरानी कार खरीदते समय पहले कार का पुराना रिकॉर्ड, मेन्टेनेंस रिकॉर्ड, टर्म्स एंड कंडीशन, पेपरवर्क आदि की जांच कर लेनी चाहिए.
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