टाटा समूह के चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार (9 अक्टूबर 2024) देर रात को मुंबई के कैंडी अस्पताल में अंतिम सांसे ली. ऑटो सेक्टर में रतन टाटा का जो योगदान था, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है. चाहे देश की पहली इंडिजिनियस कार पेश करनी हो या फिर दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो पेश करनी हो...रतन टाटा ही वो पहले शख्स थे जिसने भारत में पहली मेड इन इंडिया कार लॉन्च की थी.
टाटा मोटर्स ने ही पेश की पहली भारतीय कार
टाटा मोटर्स की तरफ से पहली डीजल हैचबैक कार Tata Indica पेश की गई थी, जिसे पूरी तरह से भारत में ही बनाया गया था. यही वो कार थी, जिसे इंडिजिनियस कार का भी तमगा मिला. इस कार की कीमत की बात की जाए तो लॉन्चिंग के वक्त यानी 1998 में इस कार को सिर्फ 2.6 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर लाया गया था. जैसे ही ये कार लॉन्च हुई थी, इसने इंडियन मार्केट में तहलका मचा दिया था. ये कार किसी भी भारतीय कंपनी की ओर से डिजाइन की गई अब तक की सबसे मॉडर्न कार थी.
इस कार के लॉन्च होने के 1 हफ्ते के अंदर ही कंपनी को 1 लाख 15 हजार यूनिट्स के ऑर्डर मिले थे, टाटा इंडिका अपने सेगमेंट की नंबर वन कार बन गई थी. जब यह कार बाजार में आई तो चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया. इस कार ने मारुति 800, मारुति जेन जैसी कारों को खूब टक्कर दी. डीजल वेरिएंट के आने से लोगों को इस बात की ज्यादा खुशी हुई क्योंकि उस वक्त डीजल ईंधन की कीमत काफी कम थी. टाटा इंडिका के माइलेज की बात करें तो इंडिका करीब 20 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती थी.
लगाई जा रही थी ये अटकलें
जब पहली इंडिका बनाई गई तो कार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. बिजनेसवर्ल्ड मैग्जीन को दिए एक इंटरव्यू के दौरान रतन टाटा ने बताया था कि टाटा इंडिका में डीजल कार जितना माइलेज और हिंदुस्तान एंबेसडर जितना बड़ा इंटीरियर मिलने की उम्मीद थी, जिसके बाद इंडिका हर मामले में सही साबित हुई जैसा कि कार को लेकर दावा किया गया था.
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