RC Transfer: बिना आरसी ट्रांसफर के न खरीदें या बेचें पुरानी गाड़ी, वरना हो सकती है बड़ी परेशानी
देश में दो श्रेणियों में वाहनों का आरसी ट्रांसफर किया जाता है. जिसमें राज्य के अंदर और राज्य के बाहर जैसे विकल्प शामिल हैं.
RC Transfer Online: अब किसी भी गाड़ी के ओनरशिप में बदलाव या आरसी ट्रांसफर कराना बहुत ही आसान काम हो गया है. क्योंकि अब यह सुविधा घर बैठे ही ऑनलाइन भी प्राप्त की जा सकती है. आरसी ट्रांसफर कराने के लिए अब आपको बस ट्रैफिक डिपार्टमेंट के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर जरूरी जानकारी भरकर या आरटीओ कार्यालय में स्वयं जाकर ये काम कर करवा सकते हैं. तो चलिए विस्तार से जानते हैं आरसी ट्रांसफर के बारे में.
क्यों है आरसी ट्रांसफर जरूरी?
किसी भी पुरानी गाड़ी को खरीदते और बेचते समय उसका ओनरशिप ट्रांसफर करवाना बेहद आवश्यक है. क्योंकि यदि हम बिना आरसी ट्रांसफर के अपनी पुरानी गाड़ी को बेचते हैं तो हो सकता है की उस गाड़ी का इस्तेमाल दूसरा व्यक्ति किसी गलत काम में अपराधिक कार्यों के लिए इस्तेमाल करे, या हो सकता है उस गाड़ी से कोई एक्सीडेंट हो जाए, या हो सकता है गाड़ी के नए मालिक का चालान जल्दी जाए, एसी स्थिति में गाड़ी की पूरी जिम्मेदारी आपकी ही होगी, जिसे बाद में आपको ही सारा खर्च भरना पड़ेगा. आपके साथ ऐसी स्थिति न आए, इसलिए पुरानी गाड़ी खरीदते और बेचते समय तुरंत उसका आरसी ट्रांसफर जरूर करवाएं, जिससे बाद में आपको कोई परेशानी न हो.
दो तरह का होता है आरसी ट्रांसफर
देश में दो श्रेणियों में वाहनों का आरसी ट्रांसफर किया जाता है. जिसमें राज्य के अंदर और राज्य के बाहर जैसे विकल्प शामिल हैं. एक ही राज्य के अंदर खरीदे बेचे गए वाहन का राज्य में ही आरसी ट्रांसफर होता है, जबकि किसी दूसरे राज्य से खरीदे या बेचें गए वाहन के लिए अंतरराज्यीय आरसी ट्रांसफर करवाना पड़ता है.
ये डॉक्यूमेंट्स रखें साथ
आरसी ट्रांसफर के लिए वाहन मालिक को गाड़ी का एक्टिव इंश्योरेंस दिखाना होता है. इसके साथ ही आरटीओ से जारी किया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC), फॉर्म 28, क्रिमनल रिपोर्ट का सर्टिफिकेट, रोड टैक्स की रसीद और पहचान पत्र जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स को प्रस्तुत करना पड़ता है.