कार कंपनियों में भर्तियां हुई तेज, कंपनियों ने कहा- अभी और बढ़ेगी गाड़ियों की मांग
प्रवासी कामगार वापस शहरों की ओर लौट रहे हैं इसलिए कंपनियों के पास अब मैन-पावर की भी दिक्कतें कम हो गई हैं.
गाड़ियों की बढ़ती मांग वाहन निर्माता कंपनियों में भर्तियां तेज कर दी है. कंपनियों में फ्रेश जॉब ऑफर खुलने लगे हैं. इन कंपनियों में व्हाइट और ब्लू कॉलर्स जॉब दोनों में इजाफा देखा गया है. जॉब साइट्स और स्टाफिंग कंस्लटेंट्स के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में वाहन निर्माता कंपनियों में भर्तियां 72 फीसदी तक गिर गई थीं लेकिन मई में इसमें 28 फीसदी की तेजी देखी गई है. जून में यह 71 फीसदी बढ़ गई . जुलाई में भर्तियां 8 फीसदी के लेवल पर स्थिर हो गई हैं.
ट्रैक्टर, टू-थ्री व्हीलर्स की मांग बढ़ी
आंकड़ों के मुताबिक ऑटोमेटिव इंजीनियरिंग, प्रोडक्शन, ऑटो कंपोनेंट एनसियलरी जैसे सेगमेंट को मिला कर वाहन कंपनियों में 8000 भर्तियां हुई हैं. टीमलीज सर्विसेज के मुताबिक ब्लू कॉलर्स जॉब में जून में 71 फीसदी का इजाफा देखा गया है. हालांकि प्री कोविड स्तर की तुलना में जुलाई में भर्तियां काफी कम हो गई हैं. लेकिन ट्रैक्टर और टू-थ्री व्हीलर्स में बढ़ी मांग ने भर्तियों में इजाफा किया है. मारुति सुजुकी के प्रोडक्शन बढ़ाने में लगी है. भर्तियों में इसका सकारात्मक असर दिख रहा है. हालांकि 2018-19 की तुलना में भर्तियां अभी भी काफी कम है.
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक मारुति सुजुकी, अशोक लेलैंड, पियाजियो और एक्साइड सबसे ज्यादा भर्ती करने वाली कंपनियों में शामिल हैं. इटंरनेशनल ट्रैक्टर, मिंडा, टाटा ऑटोकॉम्प, टीवीएस मोटर्स और टैफे में भी भर्तियां बढ़ रही हैं. हालांकि जुलाई में ऑटो कंपनियों की भर्तियों में 41 फीसदी का इजाफा देखा गया है लेकिन अभी भी यह प्री-कोविड स्तर की भर्तियों से काफी कम है. मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि सरकार की ओर से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किए उपायों और त्योहारी मांग की वजह से आगे गाड़ियों का प्रोडक्शन बढ़ेगा. इसका निश्चित तौर पर भर्तियों पर सकारात्मक असर होगा. चूंकि अब बड़ी तादाद में प्रवासी कामगार वापस शहरों की ओर लौट रहे हैं इसलिए कंपनियों के पास अब मैन-पावर की भी दिक्कतें नहीं हैं.
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