Reliance Swappable Battery: दुनियाभर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने में तेजी दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से कंपनियां इसमें अपने नए-नए प्रोडक्ट के साथ बढ़-चढ़ कर आगे आ रही हैं. बावजूद इसके अभी ये आंकड़ा काफी कम है और कहीं न कहीं इसकी ससे बड़ी समस्या चार्जिंग और इसके बजट को लेकर है. अब RIL (रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) भारत में अपनी ईवी चार्जर और रिमूवेबल बैटरी की रेंज लॉन्च कर, ईवी चार्जर बाजार में हलचल मचाने के लिए तैयार है. कंपनी अपने बैटरी स्वैपिंग प्रोग्राम से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रयोग को किफायती बनाने की कोशिश में है, ताकि इसे और बढ़ावा मिल सके. जोकि दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक भारत की जरुरत भी है.


इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, मुकेश अंबानी की अगुआई वाला यह समूह सेल और बैटरी के साथ साथ चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग समेत, ईवी सेक्टर में एंट्री कर इसे और ज्यादा किफायती बनाना चाहता है. इसी प्लान के तहत RIL ने एक स्वैपेबल लिथियम-आयन बैटरी को डेवेलप किया है, जिसका यूज इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और लाइट वेट कमर्शियल गाड़ियों को पावर दने के लिए किया जा सकता है. साथ ही जरुरत पड़ने पर बिजली कटौती के समय घर में रोशन भी की जा सकती है. बैटरी स्वैपिंग की सुविधा रिलायंस के स्टेशनों पर होगी इसके अलावा इन्हें घरों की छत पर लगे सौर पैनलों के यूज कर भी चार्ज किया जा सकता है, जिसे बेचने का प्लान भी कंपनी की योजना में शामिल है.


कंपनी ने दिल्ली में दो दिन रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो में इंटेग्रेटेड एनर्जी इकोसिस्टम के जरिये- इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में बैटरी टेक्नोलॉजी, स्वैपेबल बैटरी और चार्जिंग स्टेशन का प्रदर्शन कर रही है. जो सौर ऊर्जा और बिजली दोनों का यूज कर बैटरी चार्ज करने में सक्षम है. जिसकी शुरुआत कल यानि बुधवार को को हो चुकी है. ऐसा पहली बार है, कि रिलायंस इस मकसद के साथ डिजाइन और डेवेलप की गयी बैटरी को ई-स्कूटर में दिखा रहा है और यह कैसे काम करता है, इसकी जानकारी भी दे रहा है. अपने इस बिजनेस को सफल बनाने के लिए रिलायंस कई इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर के साथ बातचीत कर रही है. जिसमें ज्यादातर स्टार्ट-अप हैं. जो आने समय में अपने स्वैपेबल ईवी मॉडल को लाने की तैयारी कर रहे हैं.


स्वैपेबल बैटरी का यूज करने वाले यूजर इसके लिए मंथली मेम्बरशिप लेकर यूज कर सकेंगे, और अपनी मेम्बरशिप को अपने Jio फोन के जरिये मैनेज भी कर सकते हैं.


वर्तमान में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के एडॉप्शन के पीछे सब्सिडी का काफी महत्वपूर्ण रोल है. अगर इसमें दुबारा कमी की गयी, तो ईवी की बिक्री लड़खड़ा सकती है और टॉप निर्माता कंपनियों के अलावा बाकियों के लिए मुश्किल की स्थिति बन सकती है. जिसे रिलायंस के बैटरी स्वैपिंग प्रोग्राम को समाधान के तौर पर देखा जा सकता है. 


रिलायंस के एमडी और चेयरमैन मुकेश अंबानी अगस्त में कंपनी की सालाना आम बैठक में इस बात का जिक्र कर चुके हैं, कि कंपनी की मौजूदा समय में प्राथमिकता 2026 तक अपनी बैटरी गीगा फैक्ट्री स्थापित करने की है. जोकि बैटरी कैमिकल के साथ साथ, सेल और पैक बनाने का काम भी करेगी. साथ ही बैटरी रीसाइक्लिंग कर एक अच्छा इकोसिस्टम बनाएगी.


यह भी पढ़ें- ADAS System: भारत में तेजी से बढ़ रहा है ADAS का बाजार, देश में महिंद्रा है सबसे आगे 


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI