कार खरीदना हर किसी का सपना होता है. कुछ लोग नई कार खरीदते हैं तो कुछ लोग पैसे की कमी के चलते पुरानी कार खरीदकर ही अपना शौक पूरा कर लेते हैं. ऐसे में आपको पुरानी कार खरीदने से पहले कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए. कार डीलर्स अक्सर लोगों को सेकंड हैंड कार में चूना लगा देते हैं. अच्छा पेंट, एसी, म्यूजिक सिस्टम और इंटीरियर जैसी चीजों से कस्टमर को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं. जिसससे कार की दूसरी अहम चीजों तक ध्यान न जाए. वहीं आजकल ऑनलाइन कार बिक्री के जरिए भी खूब धोखाधड़ी की जा रही है इसलिए इससे बचने की कोशिश करें. हालांकि लोकल डीलर्स भी कई बार चूना लगा देते हैं. लेकिन इसका फायदा ये है कि आप कार को खुद अच्छी तरह से जांच परख सकते हैं. कार मालिक से भी बातचीत कर सकते हैं. जिससे ठगने के चांस कर हो जाती है. अगर आप भी पुरानी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसी बेहद जरूरी बातें बता रहे हैं जो आपको सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त ध्यान रखनी है. इससे आप कार खरीदते वक्त धोखे से बच सकते हैं और एक शानदार कार अपने घर ला सकते हैं.

1- अच्छा कार कलेक्शन है तो डीलर अच्छा है, ये न सोचें

हम जब भी कोई कार खरीदने जाते हैं तो डीलर्स के सेकंड हैंड कार कलेक्शन को देखकर खुश हो जाते हैं सोचने लगते हैं इसके पास इतनी कार हैं तो ये अच्छा डीलर होगा. लेकिन आपका ये सोचना गलत है. क्योंकि सभी डीलर्स के पास हर तरह की कार होती हैं. कई बार डीलर्स खराब कार को अच्छा पेंट और थोड़ा काम करवाकर उन्हें अपने शोकेस में लगा देते हैं. कई बार ऐसी खराब कार को बेचकर आपको चूना भी लगा देते हैं. इसलिए कभी भी कार के कलेक्शन को देखकर डीलर के पास न जाएं. कार उससे खरीदें जिसके पास अच्छा और लिमिटेड स्टॉक हो.


2- ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन कार खरीदें

कार खरीदते वक्त आप ऑनलाइन डीलर्स के चक्कर में न पड़ें. आजकल ऑनलाइन में कई तरह से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. कई लोग फर्जी आईडी से डीलर्स की खराब कार को काफी कम कीमत पर ऑनलाइन डाल देते हैं. ऐसे लोग खुद को आर्मी वाला बताकर ग्राहकों को फंसाते हैं. आपके लिए बेहतर होगा कि फिजिकली जाकर कार देखें. पूरी जांच-पड़ताल और तसल्ली के बाद ही कार खरीदें. इससे गाड़ी और गाड़ी मालिक दोनों आपके सामने होंगे और आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे. इसलिए सेंकंड हैंड कार खरीदते वक्त किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा न करें.


3- मैकेनिक पर भी ज्यादा भरोसा न करें

लोग जब कोई बड़ी सेकंड हैंड कार खरीदते हैं तो उसे चेक करने के लिए अपने साथ मैकेनिक भी लेकर जाते हैं. ताकि मैकेनिक कार को अच्छी तरह से चैक कर ले. हम मैकेनिक की बातों पर भरोसा भी कर लेते हैं और यहीं धोखा खा जाते हैं. दरअसल मैकेनिक और डीलरों का एक दूसरे से काम रहता है. जबकि कस्टमर बहुत कम मैकेनिक के पास जाते हैं. ऐसे में लगभग सभी मैकेनिक का डीलर्स की ओर से कार सेलिंग पर कमीशन बंधा होता है. भले ही आप अपने साथ अपना मैकेनिक लेकर गए हों, लेकिन आपको पता भी नहीं चलेगा और डीलर के साथ उसकी सैटिंग हो जाएगी. आपको पता भी नहीं चलेगा कि आप ठगे जा चुके हो. इसलिए मैकेनिक पर जरूरत से ज्यादा विश्वास न करें.


4- ज्यादा डिस्काउंट या तारीफ, मतलब गड़बड़

कई बार आपको यूज्ड कार में अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है और आप खुश हो जाते हैं. लेकिन यहीं आप गलती कर रहे हैं दरअसल कई बार डीलर्स के पास एक्सीडेंट वाली कार काफी सस्ते में आ जाती हैं. जिसमें काम करवा कर उसे जल्दी बेचने के लिए डीलर आपको 30 से 40 हजार का डिस्काउंट दे देता है. वहीं अगर डीलर कार की ज्यादा तारीफ करे, तो भी आपको अलर्ट होने की जरुरत है क्योंकि वास्तव में अच्छी चीज के दाम में कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करता.


5- कार के लुक से ज्यादा उसे चला कर देखें

कई बार लोग जब कार खरीदने जाते हैं तो उसके लुक को देखकर ही उतावले हो जाते हैं आपकी इसी बात को डीलर भांप लेते हैं और फायदा उठाने की कोशिश करते है. डीलर आपको कार की खूबिया, अच्छी-अच्छी चीजें दिखाएगा. गाड़ी की चमक-दमक से रूबरू कराएगा. लेकिन आपको उसकी बातों में बिल्कुल नहीं आना. आप कार को अपने हिसाब से अच्छी तरह से चैक करें. अगर आप एक्सपर्ट नहीं हैं तो भी कार को अदंर बाहर से चैक करें. अगर आपको कोई वाइब्रेशन या आवाज लगे तो डीलर से उसके बारे में जानकारी लें. कार के इंजन को ठीक से परख लें. 2- 3 किमी का ट्रायल जरूर लें जिससे इंजन, गियरबॉक्स को अच्छी तरह से चेक किया जा सके. गाड़ी स्टार्ट रहने दें और बोनट खोल कर ऑयल डिप बाहर निकालें. अगर उस जगह से धुआ आ रहा है या ऑयल निकल रहा हैं तो एक बार कंपनी में जरूर कंसल्ट कर लें.


6- कार का एक्सीडेंट तो नहीं हुआ ऐसे पता करें

आप कार खरीदने से पहले ये भी जान लें कि कही उस कार का एक्सीडेंट तो नहीं हुआ. हालांकि आपको ये पता लगाना काफी मुश्किल है लेकिन एक्सपर्ट्स की बताई गई कुछ बातों को ध्यान में रखकर ये जान सकते हैं. इसके लिए आप डूम, पिलर और चेसिस को चैक करें. गाड़ी के चेसिस को नीचे की तरफ से चारों देखें. अगर कोई प्ले या बेंड है तो ये कार एक्सीडेंट वाली हो सकती है.


7- पूरे पेपर्स मिलने पर ही कार खरीदें

कार खरीदने से पहले आप सारे पेपर्स को ध्यान से चैक कर लें. डीलर्स के पास अलग अलग जगहों से गाड़ियां आती हैं. सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले जरूरी पेपर्स में रजिस्ट्रेशन कार्ड देख लें. ये कार खरीदते वक्त सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है. आप कार खरीदने से पहले संबंधित थाने में जाकर क्राइम रिपोर्ट निकवा सकते हैं इससे ये पता चल जाएगा कि आप जिस कार को खरीद रहे हैं इसका किसी क्राइम से संबंध तो नहीं है. RTO से गाड़ी के ऊपर कोई चालान तो नहीं है. आपको कार खरीदने से पहले सेल लेटर की अहमियत भी समझनी होगी. कार खरीदने या बेचने में सेल लेटर काफी अहम दस्तावेज है. आप RTO जाकर सेल लेटर पर साइन करवा लें. इसका फायदा ये है कि अगर भविष्य में उस कार से किसी तरह की घटना होती है तो आप उसके लिए जिम्म्दार नहीं होंगे. सेल लेटर से गाड़ी अपने नाम कराने में भी कोई दिक्कत नहीं आती.


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