अगर आप पुरानी कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं और चाहते हैं सस्ते दाम में आपको एक अच्छी कार मिल जाए, तो आपको कार खरीदने से पहले कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए. कार डीलर्स अक्सर लोगों को सेकंड हैंड कार में चूना लगा देते हैं. अच्छा पेंट, एसी, म्यूजिक सिस्टम और इंटीरियर जैसी चीजों से कस्टमर को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं. जिसससे कार की दूसरी अहम चीजों तक ध्यान न जाए. आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स दे रहे हैं जो आपको सेकंड हैंड कार खरीदते वक्त ध्यान रखनी है. इससे आप कार खरीदते वक्त धोखे से बच सकते हैं.
ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन कार खरीदें - कार खरीदते वक्त आप ऑनलाइन डीलर्स के चक्कर में न पड़ें. आजकल ऑनलाइन में कई तरह से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. कई लोग फर्जी आईडी से डीलर्स की खराब कार को काफी कम कीमत पर ऑनलाइन डाल देते हैं. ऐसे लोग खुद को आर्मी वाला बताकर ग्राहकों को फंसाते हैं. आपके लिए बेहतर होगा कि फिजिकली जाकर कार देखें. पूरी जांच-पड़ताल और तसल्ली के बाद ही कार खरीदें.
मैकेनिक पर भी ज्यादा भरोसा न करें- लोग जब कोई बड़ी सेकंड हैंड कार खरीदते हैं तो उसे चेक करने के लिए अपने साथ मैकेनिक भी लेकर जाते हैं. ताकि मैकेनिक कार को अच्छी तरह से चैक कर ले. हम मैकेनिक की बातों पर भरोसा भी कर लेते हैं और यहीं धोखा खा जाते हैं. कई बार डीलर्स और मैकेनिक की सेटिंग होती है और कार सेलिंग पर कमीशन बंधा होता है. ऐसे में भले ही आपका मैकेनिक हो लेकिन ज्यादा विश्वास न करें.
ज्यादा डिस्काउंट या तारीफ, मतलब गड़बड़- कई बार डीलर्स के पास एक्सीडेंट वाली कार काफी सस्ते में आ जाती हैं. जिसमें काम करवा कर उसे जल्दी बेचने के लिए डीलर आपको 30 से 40 हजार का डिस्काउंट दे देता है. वहीं अगर डीलर कार की ज्यादा तारीफ करे, तो भी आपको अलर्ट होने की जरुरत है क्योंकि वास्तव में अच्छी चीज के दाम में कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करता.
कार के लुक से ज्यादा उसे चला कर देखें- डीलर आपको कार की खूबिया, अच्छी-अच्छी चीजें दिखाएगा. गाड़ी की चमक-दमक से रूबरू कराएगा. लेकिन आपको उसकी बातों में बिल्कुल नहीं आना. आप कार को अपने हिसाब से अच्छी तरह से चैक करें. अगर आप एक्सपर्ट नहीं हैं तो भी कार को अदंर बाहर से चैक करें. अगर आपको कोई वाइब्रेशन या आवाज लगे तो डीलर से उसके बारे में जानकारी लें. कार के इंजन को ठीक से परख लें. 2- 3 किमी का ट्रायल जरूर लें जिससे इंजन, गियरबॉक्स को अच्छी तरह से चेक किया जा सके. गाड़ी स्टार्ट रहने दें और बोनट खोल कर ऑयल डिप बाहर निकालें. अगर उस जगह से धुआ आ रहा है या ऑयल निकल रहा हैं तो एक बार कंपनी में जरूर कंसल्ट कर लें.
कार का एक्सीडेंट तो नहीं हुआ ऐसे पता करें- वैसे कार के एक्सीडेंट का पता लगाना आम लोगों के लिए मुश्किल है लेकिन फिर भी आप डूम, पिलर और चेसिस को चैक करें. गाड़ी के चेसिस को नीचे की तरफ से चारों देखें. अगर कोई प्ले या बेंड है तो ये कार एक्सीडेंट वाली हो सकती है.
पूरे पेपर्स जांच लें- कार खरीदने से पहले आप सारे पेपर्स को ध्यान से चैक कर लें. डीलर्स के पास अलग अलग जगहों से गाड़ियां आती हैं. सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले जरूरी पेपर्स में रजिस्ट्रेशन कार्ड देख लें. ये कार खरीदते वक्त सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है. आप कार खरीदने से पहले संबंधित थाने में जाकर क्राइम रिपोर्ट निकवा सकते हैं इससे ये पता चल जाएगा कि आप जिस कार को खरीद रहे हैं इसका किसी क्राइम से संबंध तो नहीं है. RTO से गाड़ी के ऊपर कोई चालान तो नहीं है. आपको कार खरीदने से पहले सेल लेटर की अहमियत भी समझनी होगी.
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