Upcoming Renault Cars: मौजूदा समय में बेहद प्रतिस्पर्धी हो चुके भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में रेनॉ मोटर्स को काफी सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अब इसके लिए कंपनी कुछ नए वाहनों को बाजार में लाने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने अपनी सहयोगी कंपनी निसान के साथ मिलकर 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर (यानि लगभग 5,300 करोड़ रुपये) का निवेश करने की तैयारी कर रही है. इस निवेश का उपयोग उत्पादन क्षमता बढ़ाने, रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ाने, नए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को पेश करने और 2045 तक जीरो कार्बन वाहनों के निर्माण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा.
कंपनी ने क्या कहा?
रेनॉ इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलापल्ले ने कहा है कि कंपनी को 2024 से बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है. हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, टोयोटा हाइराइडर, मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा और होंडा एलिवेट जैसे एसयूवी को टक्कर देने के लिए कंपनी फिर से मिड साइज एसयूवी सेगमेंट में बाजार में आएगी. हालांकि नए प्रोडक्ट के बारे में जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इसके न्यू जेनरेशन डस्टर होने की संभावना है. अभी इसके लॉन्च के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
कंपनी बढ़ाना चाहती है बाजार हिस्सेदारी
रेनॉ, एक मास-मार्केट इलेक्ट्रिक कार के साथ-साथ दो आईसीई वाहनों को लाने की तैयारी कर रही है. नई रेनॉ ईवी और बड़ी 'सी' सेगमेंट की कार के 2025 तक बिक्री के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है. कंपनी का लक्ष्य 2030 तक दो मिलियन नए ग्राहकों को जोड़ना है. अपने नए मास-मार्केट ईवी की शुरुआत के साथ कंपनी 2030 तक अपनी बिक्री का एक-चौथाई हिस्सा ईवी से प्राप्त करना चाहती है.
बढ़ रहा है कंपनी का निर्यात
रेनॉ का लक्ष्य अपनी निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के साथ भारत से निर्यात बढ़ाने का है. फिलहाल कंपनी देश में बनी में क्विड, किगर और ट्राइबर को एशिया-प्रशांत, सार्क, पूर्वी अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्रों और दक्षिण अफ्रीका के 14 देशों में निर्यात करती है. 2022 में, कंपनी ने 27,000 से ज्यादा यूनिट्स वाहनों का निर्यात किया है. हाल ही में, रेनॉ ने अपने चेन्नई प्लांट से भारत में दस लाखवें वाहन का उत्पादन किया है.
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