Ministry of Road Transport and Highways: भारत सरकार की ओर से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नई रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ सालों में दोपहिया सवारों और पैदल चलने वालों की हिस्सेदारी सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों में लगातार बढ़ी है. वर्ष 2021 में हुई कुल सड़क दुर्घटनाओं में टू व्हीलर सवारों की मौत का हिस्सा 45.1 प्रतिशत था, जो सरकार पिछले वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद से सबसे ज्यादा है. पिछले साल यह सड़क दुर्घटानाओं में टू व्हीलर सवारों की मृत्यु आंकड़ा 69,635 था. 


2019 में क्या था आंकड़ा


सरकार से जारी हुई 2019 की रिपोर्ट के अनुसार उस साल दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं में 56,136 मौतें हुईं, जो कि कुल कुल सड़क दुर्घटनाओं का 37.1% था. 2019 में पैदल चलने वाले लोगों की मौत की संख्या का सड़क पर होने वाली कुल मौतों की संख्या का 17.1 प्रतिशत थी, जो कि 25,858 थी, जबकि यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 29,124 हो गई.


कितनी हुई मौतें?


सड़क परिवहन मंत्रालय की इस रिपोर्ट के अनुसार 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए कुल 69,385 टू व्हीलर सवारों में से करीब 47,000 लोगों ने दुर्घटना के दौरान हेलमेट नहीं पहना था. इस रिपोर्ट के मुताबिक पीछे बैठे लोगों की तुलना में वाहन चला रहे लोगों की मौतों की संख्या करीब ढाई गुना थी. 2021 में हुए एक्सीडेंट में पीछे बैठे लोगों के मौत की संख्या 13,716 थी, जबकि दोपहिया वाहन चालकों के मौत की संख्या 32,877 थी. 


सबसे ज्यादा हेलमेट न पहनने वाले लोग यूपी में


दोपहिया दुर्घटनाओं में हुई मौत में हेलमेट न पहनने के कारण सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में 6,445 रिकॉर्ड की गई. जबकि तमिलनाडु में यह आंकड़ा 5,888 और महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 4,966 मौतों का था.  


क्या हैं दुघर्टनाओं के कारण?


MoRTH की रिपोर्ट के मुताबिक इन सड़क  दुर्घटनाओं के पीछे सबसे कारण ओवरस्पीडिंग था, इसके बाद गलत लेन/साइड ड्राइविंग, ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल, नशे में ड्राइविंग और ट्रैफिक सिग्नल जंप करना जैसे अन्य कारण भी हैं.


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