Road Safety: सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन का कटा चालान, रोड सेफ्टी साइन बोर्ड को दी चुनौती
परिवहन मंत्रालय के जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4% और चोटों में 15.3% की बढ़ोतरी हुई थी.
Anurag Jain Traffic Challan: टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन के हाल ही में दिल्ली में एक खास सेक्शन पर स्पीड लिमिट इंडिकेटर गायब होने के कारण तीन चालान काटे गए थे, जो कि लगभग एक पेड़ के पीछे लगाया गया था. इस संबंध में उन्होंने मीडिया से कहा "सिस्टम यह नहीं पहचानता कि मालिक कौन है और मैंने तेज गति से गाड़ी चलाने के लिए तीन बार चालान का भुगतान किया है. लेकिन मेरे लिए समस्या अलग थी. मैंने पुलिस के सामने यह मुद्दा उठाया कि गति साइन मुझे दिखाई देने चाहिए. मुझे लगा कि स्पीड लिमिट 60 किमी प्रति घंटा थी, और मेरी गाड़ी 61 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर थी. आमतौर पर, चालान काटने का यह कारण नहीं होना चाहिए था.'' इस खास साइनबोर्ड के मामले को गहराई से जानने के लिए जैन ने एक व्यक्ति को इसका निरीक्षण करने के लिए भेजा था. इसके आधार पर साइनबोर्ड को चुनौती देने का निर्णय लिया जाएगा.
क्या है मामला
जैन ने कहा कि “उस व्यक्ति ने मुझे बताया कि बोर्ड पर 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड लिमिट का संकेत अंकित है. बाद में, मैं उस जगह पर गया, तो मैंने पाया कि साइन एक ऐसी जगह पर लगाया गया था, जिसके सामने एक पेड़ था, आप इसे केवल तभी देख सकते हैं जब आप इसके बहुत करीब हों.”
साफ दिखने चाहिए साइन बोर्ड
विजिबल रोड साइन के महत्व पर जोर देते हुए, चालान के बाद जैन ने कहा कि "टेक्नोलॉजी सभी यात्रियों के साथ समान व्यवहार करती है." सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा संकेतों और संकेतकों पर अपने आधिकारिक दस्तावेज में विजिबल बोर्डों के महत्व को बताया है. ये संकेत गाड़ी चलाते समय यूजर को एक निश्चित दूरी से साफ-साफ नजर आने चाहिए, ताकि उचित अर्थ बताने में सहायता के लिए पर्याप्त विजिबिलिटी प्रदान की जा सके, रोड साइन को उस स्थान, वस्तु या स्थिति के संबंध में उचित रूप से लगाया जाना चाहिए जिससे ये वाहन चालकों को आसानी से दिखाई दे सके. इसके लिए यूजर्स को भी सरकार की आधिकारिक रोड सेफ्टी साइन और रोड साइन बुक को पढ़ना चाहिए.
बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं
परिवहन मंत्रालय के जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4% और चोटों में 15.3% की बढ़ोतरी हुई थी.