What Is Scrappage Policy: व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा ऑनलाइन रूप से गुजरात के एक निवेशक शिखर सम्मेलन में पेश किया गया था. पीएम मोदी ने कहा था कि 'नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से चलन से बाहर करने में मदद करेगी. इसके जरिए वाहनों को स्क्रैप करने से पर्यावरण के अनुकूल तरीके से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाया जा सकेगा.' अगर आप अभी तक इसे लेकर कंफ्यूज हैं तो चलिए आपको व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी 2021 के बारे में बताते हैं.


Scrappage Policy क्या है?
पुराने और अनफिट वाहनों को चलन से हटाने के लिए नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी में प्रावधान हैं. यह देश में 20 साल पुरानी कार आरै 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद करेगी. इसे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी, ऑटोमोटिव बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और पुराने वाहनों के साथ जुड़े खतरों को भी कम किया जा सकेगी. 


आसान शब्दों में कहें तो इस पॉलिसी के तहत कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ घोषित कर दी जाएंगे और निजी गाड़ियां 20 साल के बाद कबाड़ घोषित कर दी जाएंगी. पॉलिसी में वाहन के फिटनेस टेस्ट का भी प्रावधान है. तय अवधि के बाद वाहन को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरा होगा. इसमें फेल हुए वाहनों का हटा दिया जाएगा.


बता दें, प्रत्येक फिटनेस सर्टिफिकेट पांच साल के लिए लागू होता है, जिसके बाद वाहन के मालिक को एक और फिटनेस टेस्ट करवाना होगा. ऐसे में वाहन मालिकों को 15वें साल में फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. पास होने पर वाहन रजिस्ट्रेशन पांस साल के लिए बढ़ा दिया जाएगा. इस दौरान रोड टैक्स और संभावित "ग्रीन टैक्स" भी देना होगा.


1 अप्रैल 2022 से लागू होगी पॉलिसी
पॉलिसी 1 अप्रैल 2022 से लागू होगी. इस दौरान जिन वाहनों ने फिटनेस टेस्ट पास नहीं किया होगा उन्हें अपंजीकृत माना जाएगा. बता दें कि अगर वाहन तीन बार फिटनेस परीक्षण में विफल रहता है, तो उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचेगा.


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