Car Waiting Period In India: देश में हमेशा दोपहिया और चारपहिया वाहनों की भारी डिमांड रहती है. जिस कारण कुछ पॉपुलर मॉडल्स की बुकिंग पर बहुत लंबा वेटिंग पीरियड मिलता है, और ग्राहकों को अपनी गाड़ी की डिलीवरी के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ता है. कुछ ऐसी भी कारें हैं जिनके लिए इस समय डेढ़ से 2 साल तक का वेटिंग पीरियड दिया जा रहा है. गाड़ी की डिलीवरी के लिए इतना लंबा इंतजार लोगों को काफी परेशान भी करता है. लेकिन कई मामलों में इसके पीछे डीलरशिप स्कैम भी करते हैं, और ग्राहकों से आसानी से अधिक रकम भी वसूल लेते हैं. चलिए जानते हैं पूरी जानकारी.  


मार्केटिंग का है तरीका


जब भी किसी कार पर 6 महीने से लेकर 1 साल या उससे अधिक का वेटिंग पीरियड होता है, तो इससे सीधे तौर पर कार कंपनियों को फायदा पहुंचता है, क्योंकि ग्राहकों को किसी गाड़ी के लंबे वेटिंग पीरियड से ये लगता है कि वह गाड़ी बाजार में बहुत पॉपुलर और हिट है, जिससे लोग उसकी ओर अधिक आकर्षित होते हैं. इससे उस गाड़ी की सेल और अधिक बढ़ने की बहुत अधिक संभावना होती है. 


होता है डिलीवरी स्कैम


लंबे वेटिंग पीरियड का फायदा डीलरशिप को भी सीधे तौर पर होता है, हर ग्राहक अपनी गाड़ी की जल्दी डिलीवरी पाना चाहता है, और इसी का फायदा उठाकर डीलर्स किसी तरीके से ग्राहकों को उनकी गाड़ी की जल्दी डिलीवरी देने का भरोसा दिलाकर एक्सट्रा पैसों की वसूली करते हैं. साथ ही कई बार डीलरशिप पर ग्राहकों को गाड़ी के लोअर मॉडल पर ज्यादा वेटिंग पीरियड बताकर उनसे उसके टॉप मॉडल को खरीदने पर जोर दिया जाता है और यह बताया जाता है कि उसकी डिलीवरी जल्दी मिल जाएगी. इससे कंपनियों को भी बड़ा फायदा होता है. 


सप्लाई चेन भी होता है देरी का कारण


पिछले कुछ समय में सप्लाई चेन में भी काफी असमानता देखी गई, जिससे गाड़ियों की समय पर डिलीवरी प्रभावित हुई. कोविड 19 के कारण सप्लाई चेन सबसे अधिक प्रभावित हुई थी, साथ ही सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी के कारण भी कंपनियों की उत्पादन क्षमता पर प्रभाव पड़ा, जिससे कई कारों की वेटिंग पीरियड काफी बढ़ गई.


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