Electric Vehicles Sales: इलेक्ट्रिक वाहनों की बहुत सारी खूबियां हैं, जिसमें उनका एक साइलेंट होना, लो रनिंग कॉस्ट और पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होना शामिल है, लेकिन फिर भी अधिकतर लोग इन वाहनों को खरीदने से परहेज क्यों करते हैं, इसके पीछे कई बड़े कारण हैं. वैसे तो इन एमिशन फ्री वाहनों को परिवहन का भविष्य कहा जाता है, लेकिन दुनियाभर के कार्बन उत्सर्जन को कम करने खूबी के बावजूद भी वैश्विक तौर पर इनकी बिक्री की रफ्तार काफी कम है. 


बढ़ी है बिक्री


हालांकि ऐसा नहीं है कि इन वाहनों की सेल में कमी आई है. 2022 की पहली छमाही में लगभग 4.3 मिलियन नई ईवी और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी) की ग्लोबली बिक्री हुई, जो कि वार्षिक तौर पर क्रमशः 75% और 37% अधिक है.  


खत्म होगें पारंपरिक वाहन


कई देशों के नई पॉलिसी के अनुसार पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का लक्ष्य और समय सीमा तय की गई है. यूरोपीय संघ ऐसे वाहनों पर 2035 तक प्रतिबंध लागू करेगा, जबकि यूके ने 2030 से 2035 तक अपनी तिथि को आगे बढ़ा दिया है. दुनिया का सबसे बड़े कार बाजार चीन ने भी 2030 तक देश में 40% इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य रखा है. जैसे-जैसे दुनिया में सख्त उत्सर्जन नियम लागू किए जा रहे हैं, यह सवाल उठता है कि क्या इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ये वैश्विक बदलाव उतनी तेजी और बड़े पैमाने पर काम कर रहा है? 


क्यों है ईवी की बिक्री में सुस्ती?


आज हम आपको तीन ऐसे मुख्य कारण बताने वाले हैं जिसके कारण लोग ICE फ्यूल कारों की जगह बैटरी पावर पर चलने वाले वाहनों को अपनाने से परहेज कर रहें हैं. 


महंगी है कीमतें: एक इलेक्ट्रिक कार की रनिंग कॉस्ट भले ही बेहद कम हो, लेकिन इनकी कीमत ही पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में बहुत अधिक है. इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने की लागत इस बात पर निर्भर करती है कि इसे  कहां, कब और कैसे किया जाता है. घर पर चार्जिंग करने पर यह सस्ती पड़ती है, जबकि इन्हें बाहर पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करना काफी महंगा है. रैपिड या अल्ट्रा-रैपिड चार्जर से चार्ज करने पर यह कीमत पेट्रोल या डीजल कारों की रनिंग कॉस्ट के करीब पहुंच जाती है.  


अधिक खरीदारी लगात: ईवी खरीदने की सुस्त रफ्तार के पीछे इसकी लागत भी एक बड़ा कारण है, दुनिया के कई हिस्सों में मुद्रास्फीति की दर अधिक हैं और बढ़ती ब्याज दरों के कारण लोग अधिक कर्ज लेना पसंद नहीं करते हैं. हर देश में इन वाहनों के लिए सब्सिडी की दर भी अलग अलग है.  


चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी: दुनिया के अधिकतर हिस्सों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, इन वाहनों की बिक्री में एक बड़ी बाधा है. अधिकतर लोग इस कारण से ही इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीदना चाहते हैं.


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