Skoda Electric Cars: भारतीय बाजार में कई इलेक्ट्रिक कारें लाने वाली है स्कोडा, टाटा नेक्सन ईवी से हो सकता है मुकाबला
फॉक्सवैगन की तरह, स्कोडा भारत के बढ़ते ईवी बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित करना चाह रही है. कंपनी MEB21F प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करेगी.
Skoda EV Plan: कुछ महीने पहले, स्कोडा ने घोषणा की थी कि वह भारतीय बाजार के लिए कई ईवी को तैयार कर रही है. हाल ही में कंपनी ने वियतनाम में कारॉक और कोडियाक एसयूवी के साथ ऑपरेशन शुरू किया, जो सीबीयू प्रोडक्ट के रूप में स्थानीय बाजार में लॉन्च होने वाले मॉडलों का पहला सेट था. इसके बाद 2024 में किसी समय भारत निर्मित कुशाक को लॉन्च किया जाएगा. वियतनाम में कार निर्माता के प्रवेश कार्यक्रम के दौरान, स्कोडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कंपनी की इलेक्ट्रिक योजनाओं पर बात करते हुए कुछ भारतीय मीडिया के साथ बातचीत की, जिसमें यह पता चला है कि स्कोडा भारत में एक किफायती एंट्री-लेवल बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर काम कर रही है.
कैसी होगी स्कोडा ईवी
एक हालिया रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि स्कोडा इस आगामी ईवी के लिए 20 लाख रुपये से कम की आक्रामक कीमत का लक्ष्य रख रही है. स्कोडा ऑटो के सेल्स एंड मार्केटिंग बोर्ड मेंबर मार्टिन जाह्न ने पुष्टि की है कि इसकी कीमत "लगभग €15,000 से €20,000 (13-18 लाख रुपये के बराबर)" के बीच होगी. इसका मुकाबला Tata Nexon.ev, महिंद्रा एक्सयूवी 400 और आने वाली सिट्रोएन eC3 एयरक्रोस जैसी कारों से होगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसके एसयूवी बॉडीस्टाइल के साथ आने की उम्मीद है. कीमत को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है कि स्कोडा कुछ बदलावों के साथ भारत में फॉक्सवैगन ID.1 का रीब्रांडेड वर्जन लॉन्च कर सकती है.
MEB21F प्लेटफॉर्म का होगा इस्तेमाल
फॉक्सवैगन की तरह, स्कोडा भारत के बढ़ते ईवी बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित करना चाह रही है. कंपनी MEB21F प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करेगी, जिसे महिंद्रा के साथ सह-विकसित किया गया है. इससे लागत प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित होगी. तीनों कार निर्माता अपने ईवी के निर्माण के लिए इसी प्लेटफार्म का इस्तेमाल करेंगे. MEB21F प्लेटफार्म फ्रंट-व्हील ड्राइव लेआउट को सपोर्ट करता है और इसमें 50 kWh से अधिक क्षमता का बैटरी पैक मिल सकता है. इस आर्किटेक्चर में लिथियम-फेरो-फॉस्फेट (एलएफपी) केमिकल सेल बैटरियां होंगी, जबकि लॉन्ग रेंज मॉडल में अधिक ऊर्जा स्टोरेज के लिए निकल-मैंगनीज-कोबाल्ट (एनएमसी सेल) बैट्री का इस्तेमाल किया जा सकता है.