इस हाइवे पर गलती से भी न दौड़ाना गाड़ी, पलक झपकते ही कट जाएगा चालान
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अब गाड़ियों के लिए स्पीड लिमिट तय कर दी गई है. इसमें कारों की अधिकतम रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा तो वहीं ट्रक की 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.
Speed Limit on Delhi-Mumbai Expressway : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही पूरा होने वाला है और इसी के साथ यहां कई नए नियम भी लागू होने जा रहे हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस एक्सप्रेसवे पर स्पीड ट्रैकर लगाए हैं, ताकि तेज रफ़्तार में चलने वाले वाहनों पर नजर रखी जा सके. अगर कोई वाहन स्पीड लिमिट से ऊपर चलता पाया गया, तो उसका चालान तुरंत काट दिया जाएगा.
क्या होगी स्पीड लिमिट?
इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों के लिए स्पीड लिमिट तय कर दी गई है. कारों के लिए स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जबकि ट्रकों के लिए यह सीमा 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है. इसका मतलब है कि अगर कोई वाहन इन सीमाओं से अधिक तेज़ी से चलेगा, तो उस पर फाइन लगाया जाएगा.
स्पीड ट्रैकर और कैमरा सिस्टम
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक रोड, जो फरीदाबाद के बाईपास से होकर गुजरेगा, यहां पर गाड़ियों की स्पीड को मॉनिटर करने के लिए स्पीड ट्रैकर लगाए जा रहे हैं. इन ट्रैकरों की मदद से हाईवे पर चल रहे वाहनों की रफ़्तार की लगातार निगरानी की जाएगी. इसके अलावा, अलग-अलग स्थानों पर कैमरे भी लगाए गए हैं, जो गाड़ियों की गति रिकॉर्ड करेंगे और स्पीड लिमिट पार करने पर चालान जनरेट करेंगे. इसके लिए फरीदाबाद के सेक्टर 2 और सेक्टर 17 के पास मेन रोड पर स्क्रीन भी लगाई गई हैं, जिन पर वाहनों की स्पीड को दिखाया जाएगा.
कब होगा एक्सप्रेसवे चालू?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भारत का सबसे बड़ा हाईवे कहा जा रहा है. यह 1,386 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे देश के छह प्रमुख राज्यों से होकर गुजरेगा - दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र. एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसे दिसंबर 2024 तक आम जनता के लिए खोलने की संभावना है.
इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी काफी कम हो जाएगी, जिससे यात्रा का समय भी घट जाएगा.
NHAI का उद्देश्य
NHAI का उद्देश्य इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है. स्पीड ट्रैकर और स्पीड लिमिट लागू करने का मकसद सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना है. यह एक्सप्रेसवे देश के बुनियादी ढांचे के विकास में एक अहम भूमिका निभाएगा और लंबी दूरी की यात्राएं तेज़ और सुरक्षित बनाएगा.
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