बदलेगी हैलमेट्स की दुनियाः ISI मार्क वाले होंगे स्टीलबर्ड के वाइजर्स, कंपनी को मिला लाईसेंस
नकली हेलमेट में जो वाइजर लगा होता है वह भी नकली ही होता है, जिससे आपकी आंखो को भारी नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए हमेशा ओरिजिनल हेलमेट का ही इस्तेमाल करें.
नई दिल्ली: देश की प्रमुख हेलमेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड अब देश की पहली ऐसी हैलमेट कंपनी बन गई है जिसे हैलमेट्स पर वाइजर्स बनाने का आईएसआई लाईसेंस प्राप्त हुआ है. जल्द ही सभी हैलमेट्स में उपयोग में लाये जाने वाले वाइजर्स आईएसआई प्रमाणित होंगे.
इस बारे में स्टीलबर्ड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने कहा कि मूलतः दो प्रकार के हैलमेट्स होते हैं. आईएसआई और नॉन आईएसआई, और वाइजर्स पर भी यही लागू होता है. आईएसः 9973 के मुताबिक स्टीलबर्ड अब नॉन आईएसआई वाइजर्स का निर्माण नहीं करेगा.
राजीव कपूर ने आगे बताते हुए कहा कि हैलमेट वाईजर एक आवश्यक उपकरण है जो सड़क पर स्पष्ट दिखाता है परन्तु आमतौर पर कम गुणवत्ता वाले हेलमेट में, वाइजर्स के नियमित उपायोग के दौरान खरोंच मिलती है, जिससे कि दृश्यता में बाधा उत्पन्न होती है. इस प्रकार स्टीलबर्ड पॉली कार्बोनेट को एंटी स्क्रैच कोटिंग के साथ प्रदान करता है जो कि अधिक टिकाउ होते हैं और अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं.
राईडर्स की सेफ्टी को चिंताओं को पूरा करने वाले उत्पादों के अनुसंधान, विकास और निर्माण के लिये समर्पित, स्टीलबर्ड ने पहले ही इस दिशा में एक कदम उठाया है. इन उत्पादों पर ऑडिट किया गया है और स्टीलबर्ड को अब आईएसआई प्रमाणपत्रों के तहत हेलमेट और वाइजर्स बनाने के लिये प्रमाणित किया गया है.
सरकार और मंत्रालय, सड़क सुरक्षा की दिशा मे बहुत प्रयास कर रहे हैं. हमारे देश में सड़क सुरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है क्योंकि इतनी सारी मौंतें हो रहीं है और सरकार मानव जीवन को बचाने के लिए प्रयत्नशील है. स्टीलबर्ड का मुख्य उद्देश्य हेलमेट की पेशकश करना है जो सुरक्षा को अगले स्तर तक ले जाता है.
वैसे नकली हेलमेट में जो वाइजर लगा होता है वह भी नकली ही होता है, जिससे आपकी आंखो को भारी नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए हमेशा ओरिजिनल हेलमेट का ही इस्तेमाल करें.