इलेक्रिटक सनरूफ कार के शौकीनों के बीच एक पापुलर फीचर बनता जा रहा है. यह इसकी बढ़ती लोकप्रियता का सबूत है कि अब कम बजट की कारों में भी ये फीचर आने लगा है. लेकिन क्या यह फीचर गाड़ी के लिए बहुत जरूरी है या फिर इसका सिर्फ एक शोर ही है. आज हम इसी मुद्दे पर आपको जरूरी जानकारी देंगे.
महंगा फीचर
- सनरूफ अगर एक बार खराब हो जाता है तो जल्दी सही नहीं होता ।
- खराब सनरूफ को सही करवाने के लिए आपको काफी कीमत देनी पड़ सकती है.
- इसकी वजह से कार ऑनर पर हो दी ऑप्शन रह जाते हैं. या तो वह इसे ठीक करवा ले या फिर इसे बंद करवा दें.
- अधिकांश लोग इससे परेशान होकर बाद मे इसको बंद ही करा लेते हैं ।
भारत का मौसम
- भारत की वैदर कंडिशन को देखते हुए भी यह फीचर बहुत काम का नहीं है.
- भारत के अलग अलग हिस्सों में साल के दस महीने गर्मी का मौसम ही रहता है। जहां 40 से 45 डीग्री तापमान होना सामान्य है।
- सनरूफ का फीचर ठंडे प्रदेश के लिए ये फीचर ठीक है. वहां आप ड्राइविंग करते समय धूप का मजा ले सकते हैं।
- गर्मी के मौसम में इसका उपयोग बिल्कुल भी सही नहीं. क्योंकि इस मौसम में गाड़ियो के एसी पर ज्यादा लोड पड़ता है। केबिन को ठंडा करने में भी ज्यादा टाइम लगता है।
- सर्दी के मौसम में भी सनरूफ खुला छोड़ने पर ब्लोवर की हवा प्रभावित होती है.
लीकेज
- सनरूफ के साथ एक दिक्कत यह भी है कि इसे बार-बार इस्तेमाल करने से इसकी फिटिंग में फर्क आ सकता है.
- बारिश के मौसम इसमें पानी का रिसाव हो सकता है.
- एक बार ये समस्या उभर आती है तो इससे निपटना बहुत मुश्किल हो जात है.
रिसेल वैल्यू
- सनरूफ आपकी कार की रिसेल वैल्यू को कम कर सकता है.
- उगातार सनरूफ के उपयोग से कार में एक गैप या जंक देखने को मिलती है.
- इससे आपकी कार की कीमत कम हो जाती है.
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