देश में नहीं दी जाएगी BS4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की अनुमति- सुप्रीम कोर्ट
शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2018 में कहा था कि भारत में एक अप्रैल 2020 से कोई भी बीएस-4 वाहन नहीं बिकेगा. केंद्र ने 2016 में कहा था कि भारत बीएस-5 मानक वाले वाहनों से बचेगा और 2020 तक सीधे बीएस-6 मानक वाले वाहनों को अपनाएगा.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि देश में बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री और पंजीकरण की अनुमति नहीं है क्योंकि इस तरह के वाहनों से होने वाला प्रदूषण खतरनाक होगा और इससे मानव के स्वास्थ्य पर और भार पड़ेगा.
शीर्ष अदालत ने 27 मार्च के अपने आदेश के उल्लंघन पर नाराजगी जताई जिसके जरिए इसने कोरोना वायरस लॉकडाउन हटने के बाद दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को छोड़कर भारत में बीएस-4 वाहनों की सीमित संख्या में बिक्री की 10 दिन के लिए अनुमति दे दी थी.
31 मार्च थी आखिरी तारीख
कोर्ट ने इस साल 27 मार्च को कहा था कि वह 25 मार्च को लागू हुए लॉकडाउन की वजह से बेकार गए छह दिन की भरपाई के लिए न बिक सके बीएस-4 वाहनों की 10 प्रतिशत बिक्री की अनुमति दे रहा है. शीर्ष अदालत ने इससे पहले बीएस-4 मानक वाले वाहनों की बिक्री की समय सीमा 31 मार्च, 2020 निर्धारित की थी. इसने ऐसे 1.05 लाख दोपहिया वाहनों, 2,250 यात्री कारों और 2,000 कॉमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की भी मंजूरी दे दी थी जो बिक तो गए थे, लेकिन उनका पंजीकरण नहीं हो पाया था.
2018 में दिया था आदेश
शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2018 में कहा था कि भारत में एक अप्रैल 2020 से कोई भी बीएस-4 वाहन नहीं बिकेगा. केंद्र ने 2016 में कहा था कि भारत बीएस-5 मानक वाले वाहनों से बचेगा और 2020 तक सीधे बीएस-6 मानक वाले वाहनों को अपनाएगा.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से करते हुए कहा कि यह उल्लेख चौंकाने वाला है कि तीन मई को लॉकडाउन हटने के बाद भी जब बिक्री हुई है और हमारे आदेश के अनुरूप, इस अदालत को यह सूचित किए बिना कोई पंजीकरण नहीं हो सकता कि भारत में कितने वाहनों की बिक्री हुई है.
'बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण की अनुमति नहीं'
पीठ ने अपने आदेश में कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि बीएस-4 वाहनों की किसी बिक्री और पंजीकरण को अनुमति नहीं है." कोर्ट ने कहा कि 10 प्रतिशत में से बेचे जाने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन इसकी अनुमति के बिना और अदालत द्वारा मार्च में दिए गए आदेश के अनुरूप विवरण जमा किए बिना नहीं हो सकता.
'आदेश का हुआ उल्लंघन'
पीठ ने कहा, "इस अदालत द्वारा (27 मार्च को) दिए गए आदेश के दूसरे हिस्से का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है. 13 जून 2020 को अपूर्ण हलफनामा दायर किया गया है." पीठ ने कहा कि इसके आदेश के पहले हिस्से का भी उल्लंघन हुआ है.
19 जून को होगी अगली सुनवाई
पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से इस बारे में सभी आरटीओ से ब्योरा एकत्र करने को कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन हटने के बाद देश में कितने बीएस-4 वाहन बिके हैं. वहीं अब मामले में अगली सुनवाई 19 जून को होगी.
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